बाबर पठान ने साथियों संग मिलकर दलित युवक को मार डाला, भाजपा नेता हैं पिता

नई दिल्ली: 18 नवंबर 2024 को गुजरात के वडोदरा में 27 वर्षीय दलित युवक तपन परमार की हत्या कर दी गई। तपन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद रमेश परमार का बेटा था। यह घटना वडोदरा के सर सयाजीराव जनरल अस्पताल (SSG अस्पताल) में हुई, जहां तपन अपने दोस्त मितेश राजपूत के साथ गए थे। तपन और मितेश अस्पताल के कैंटीन में बैठे थे, तभी कुख्यात अपराधी बाबर पठान अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँच गया। 

बाबर पठान ने तपन और मितेश से बहस शुरू की, जो जल्द ही हिंसक झगड़े में बदल गई। बाबर के दो साथियों ने मितेश को पकड़ा और इस दौरान बाबर ने धारदार हथियार से तपन पर हमला किया। मितेश किसी तरह भागने में सफल हुआ, लेकिन जब वह वापस लौटा तो तपन खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हमलावर वारदात के बाद मौके से फरार हो गए।  हत्या की खबर से इलाके में आक्रोश फैल गया, और लोग मेहतावाड़ी पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन करने लगे। मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मारा गया और उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज से बाबर पठान और अन्य आरोपितों की पहचान हुई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फुटेज में एक महिला, शबनम मंसूरी, भी नजर आई, जो आरोपित वसीम की पत्नी है। 

पुलिस के अनुसार, इस घटना की पृष्ठभूमि नागरवाड़ा इलाके में हुए हिंदू-मुस्लिम झगड़े से जुड़ी है, जिसमें वसीम और धर्मेश नाम के युवक घायल हुए थे। तपन इस विवाद का हिस्सा नहीं था, वह केवल अपने दोस्त के साथ अस्पताल आया था। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इस घटना का संज्ञान लिया है और आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब तक पुलिस ने बाबर पठान सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। बाबर पठान पहले भी असामाजिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम (PASA) के तहत जेल जा चुका है।

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