नई दिल्ली : राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे गुरुवार तक के लिए टाल दिया गया था. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर सुनवाई होनी है कि क्या बाबरी मस्जिद ढांचे को 1992 में गिराने के आरोपी रहे बीजेपी के शीर्ष नेता एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य पर मुकदमा चलाया जाए अथवा नहीं. बता दें कि इस मामले में निचली अदालत ने तकनीकी आधार पर इन नेताओं को बरी किया था, जिस पर हाइकोर्ट ने भी मुहर लगाई थी. उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने हुई पिछली सुनवाई में स्पष्ट कहा था कि पहली नज़र में इन नेताओं को आरोपों से बरी करना ठीक नहीं लगता. यह कुछ अजीब है. सीबीआई को इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ समय पर पूरक आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए था. कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि इस मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक आरोप पत्र दाखिल करें. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रायबरेली में चल रहे बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे मामले की सुनवाई को क्यों न लखनऊ स्थानांतरित कर दिया जाए, जहां इसी से जुड़े एक मामले की सुनवाई पहले से ही चल रही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों मामलों को एक साथ सुना जाना चाहिए, जबकि लालकृष्ण आडवाणी की ओर से इसका यह कहकर विरोध किया था कि इस मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना पड़ेगा जो काफी मुश्किल है. कोर्ट को साजिश के मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश नहीं देने चाहिए. वहीं सीबीआई ने कहा कि वह दोनों मामलों का साथ ट्रायल के लिए तैयार है. अयोध्या विवाद : मुस्लिम समाज मान ले हमारा प्रस्ताव : सुब्रमण्यम स्वामी मुस्लिम जमीन का दावा छोड़ दे - निर्मोही अखाड़ा बाबरी मस्जिद एक्शन समिति सदस्यों ने कहा कोर्ट के बाहर सैटलमेंट स्वीकार नहीं राम मंदिर पर SC का महत्वपूर्ण निर्णय, आपसी सहमती से हल करें मामला