भारत के अलावा दुनिया की राजनीति में कुछ भी संभव है. लंबे अरसे के बाद भाजपा में लौटे बाबूलाल मरांडी इसके नए उदाहरण है. 14 साल पहले भाजपा से रूठकर नया आशियाना बनाने वाले बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर भाजपा में दमदार वापसी की है. उनका कद सबसे बड़ा होगा, क्योंकि भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार अमित शाह की वे पसंद है. सोमवार को मिलन समारोह के मंच पर बाबूलाल मरांडी का जलवा था. वे आकर्षण के केंद्र में थे. किसी नेता के भाषण या बाडी लैैंग्वेज से ऐसा नहीं लगा कि वे मरांडी के आगमन से नाराज हों. हालांकि इक्का-दुक्का नेता इधर-उधर छिटके भी रहे, लेकिन उन्होंने खुलकर बोलने से परहेज किया. यूपी : कैबिनेट बैठक में एक दर्जन प्रस्तावों को मिल सकती है मंजूरी, इस मसौदे पर होगी सबकी नजर इस मामले को लेकर अमित शाह ने भी बाबूलाल मरांडी पर सबसे ज्यादा फोकस किया. इसके साथ ही उन्होंने अर्जुन मुंडा और रघुवर दास की भी तारीफ की. इसका संकेत यह था कि यह तिकड़ी बड़े फैसले लेगी, लेकिन बाबूलाल मरांडी सर्वोपरि होंगे. मरांडी की कुर्सी अमित शाह के करीब थी. उनके दाईं ओर रघुवर बैठे थे, जबकि दूसरी तरफ ओम माथुर के बगल में अर्जुन मुंडा को स्थान मिला. यह भी स्पष्ट हो गया कि बाबूलाल मरांडी की झाविमो से आए महत्वपूर्ण नेताओं को भी तवज्जो मिलेगी. अब नई टीम के गठन का दारोमदार भी बाबूलाल मरांडी पर होगा. NPR के लिए पूरी मदद करेगी महाराष्ट्र सरकार, लेकिन इसके आगे कुछ नहीं - NCP नेता जीतेन्द्र अव्हाड आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी तेजतर्रार नेता की तलाश है. लक्ष्मण गिलुवा का इस्तीफा भाजपा स्वीकार कर नए नेता को कमान सौंपेगी. यह तय है कि जिसके सिर पर बाबूलाल मरांडी का हाथ होगा, वही प्रदेश अध्यक्ष का ताज पहनेगा. बाबूलाल मरांडी की भूमिका सरकार को घेरने की होगी. वे विधानसभा में हेमंत सोरेन के मुकाबले खड़े होंगे. इसके अलावा राज्य भर में घूमकर भाजपा कार्यकर्ताओं में नए सिरे से जोश भरेंगे. मंच पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की मौजूदगी से भी यह इशारा देने की कोशिश की गई कि नई और बदली परिस्थिति में सबको मौका मिलेगा. ममता तो पटखनी देने के लिए भाजपा का मास्टर प्लान, पश्चिम बंगाल में करने वाली है ये काम असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने के लिए सरकार ने किया ये काम दिल्ली हारने पर भाजपा में बौखलाहट, प्रदेश नेतृत्व को शिकायत में मिल रही ये बातों