नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण की व्यवहारिकता की जांच करने के लिए सोमवार को पिछड़ा वर्ग वर्गीकरण आयोग गठित कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी रोहिणी को इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उल्लेखनीय है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग लंबे समय से आरक्षण का लाभ सभी जातियों तक पहुंचाने के लिए पिछड़ी जातियों को उप वर्गों में बांटने की अनुशंसा करता रहा है. केंद्रीय कैबिनेट ने गत 23 अगस्त को ओबीसी की केंद्रीय सूची के वर्गीकरण के लिए आयोग बनाने के फैसले को मंजूरी दे दी थी.राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 340 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर पांच सदस्यीय इस आयोग का गठन किया. आपको बता दें कि जस्टिस रोहिणी के अलावा अन्य सदयों में समाजनीति समीक्षण केंद्र के निदेशक डॉ. जेके बजाज, आयोग में भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के निदेशक तथा महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है.वहीँ पांचवे सदस्य के रूप में सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव को आयोग का सचिव बनाया गया है. यह नवगठित आयोग मुख्यतः तीन बिंदुओं पर विचार करेगा कि पिछड़ा वर्ग में तीन श्रेणियों में वर्गीकृत लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है या नहीं. यह भी देखें बैंक ऑफ़ इंडिया में विभिन्न पदों पर नौकरी पाने का सुनहरा अवसर शिक्षा के साथ तराशा जाएगा कौशल, अलाउंस भी दिया जाएगा