भारतीय बैडमिंटन में पिछले कुछ सालो में बदलाव आए है. विश्व मंच पर भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा इस बात की गवाही देता है कि उपमहाद्वीप वैश्विक क्षेत्र में बैडमिंटन पावरहाउस के रूप में उभरा है. इसको जारी रखने के लिए भारत को न केवल जमीनी स्तर पर विकास कार्यक्रमों में बल्कि कोचिंग के क्षेत्र में भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. बैडमिंटन गुरुकुल, सर्वोत्कृष्ट बैडमिंटन सुपरस्टार और गुरु पुलेला गोपीचंद और पूर्व अंतरराष्ट्रीय शटलर सुप्रिया देवगन द्वारा की गई एक पहल है, जो इसे और अधिक संबोधित करने की कोशिश कर रही है. आज मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहल के बारे में बात करते हुए द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भारतीय राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे पास इस तरह के परिणाम हैं. अखाड़ा, और अप्रत्याशित उछाल बैडमिंटन ने पिछले कुछ वर्षों में देखा है, बहुत सारे बैडमिंटन कोर्ट जो सामने आए हैं, और इसके परिणामस्वरूप देश भर में गुणवत्ता वाले बैडमिंटन कोचों की बढ़ती आवश्यकता है. इन सभी को ध्यान में रखते हुए, बैडमिंटन गुरुकुल इस अद्वितीय ज्ञान-साझाकरण मंच के साथ आया है, जहाँ हम पूर्व-खिलाड़ियों को आगे आने और युवा और आने वाले शटलरों के साथ अपने अनुभव को साझा करने के लिए शामिल कर रहे हैं. ' गोपीचंद ने आगे यह कहा हैं की 'यह सिर्फ कोचिंग नहीं है, बल्कि उससे कई कदम आगे है. इन खिलाड़ियों ने पहले हाथ में कुलीन कोचिंग कार्यक्रमों का अनुभव किया है और शीर्ष स्तर पर सफल होने के लिए आवश्यक कड़ी मेहनत और कठोरता को समझने के लिए उच्चतम स्तर पर खेला है. यह एक उत्कृष्ट संयोजन है और मुझे यकीन है कि यह पूरे भारत में कोचिंग की गुणवत्ता में सुधार करेगा और देश भर में अधिक से अधिक प्रतिभाओं को आगे ले जाएगा.' IPL Auction 2020: के एल राहुल संभालेंगे किंग्स एलेवेन पंजाब की कमान, प्रीति जिंटा ने किया ऐलान बार्सिलोना और रीयल मैड्रिड के बीच हुआ ड्रा, 17 साल बाद एल क्लासिको में कोई गोल नहीं हुआ रोनाल्डो ने इस अंदाज़ में किया गोल, फैंस देखकर हुए हैरान