देश के पूर्व रेल मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद हाल ही में चारा घोटाला मामले में जेल और कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने को लेकर मुश्किल में है. लेकिन हाल ही में झारखण्ड हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के अनुसार लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है. इससे पहले अभिषेक मनु सिंघवी और चितरंजन सिन्हा जो की लालू प्रसाद यादव के पक्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए गए थे. इन वकीलों ने अपनी दलीलों में लालू प्रसाद यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट दिखाते हुए तीन महीने की जमानत मांगी. हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने इस जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया और 6 सप्ताह की बेल दे दी. कोर्ट ने 10 अगस्त को फिर से लालू प्रसाद यादव की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को लेकर आदेश दिया है. बता दें, इससे पहले सीबीआई के वकील राजीव सिन्हा ने अपना पक्ष रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लालू प्रसाद यादव का इलाज रिम्स में भी हो सकता है इसलिए उनकी जमानत की अवधि न बढ़ाई जाए, लेकिन कोर्ट ने सिन्हा की इस दलील को भी खारिज कर दिया. यह पहला मौका नहीं है जब लालू प्रसाद यादव की जमानत की अवधि बढ़ाई गई है. इससे पहले भी उनकी जमानत की अवधि बढ़ाई गई थी. गुजरात सरकार पर संकट के बादल, विधायकों की नाराजगी बनी मुश्किल पाक में चुनाव: कोई नया ही होगा इस बार गद्दी पर ! इतिहास के साथ फिर की मोदी ने बड़ी छेड़छाड़