कोच्ची: केरल हाईकोर्ट ने पलक्कड़ जिले में 2022 में आरएसएस नेता एस. के. श्रीनिवासन की हत्या के मामले में कट्टर इस्लामी और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े सात आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पाया कि आरोपियों पर हत्या की साजिश रचने और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का गंभीर आरोप है। इनमें से एक आरोपी ने हत्या के लिए रेकी में मदद की थी और हमलावरों को मोटरसाइकिल उपलब्ध कराई थी। मामले की सुनवाई में यह भी सामने आया कि आरोपियों के पास से जब्त दस्तावेज़ों में 2010 के "हाथ काटने" मामले से संबंधित विवादित प्रश्न पत्र मिले हैं। इस घटना में प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काट दी गई थी, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से परीक्षा के सवालों में पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया था। श्रीनिवासन की हत्या की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि पीएफआई ने केरल में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साजिश रची थी। केंद्र सरकार ने इस संगठन पर 28 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगा दिया। श्रीनिवासन को उनकी दुकान पर छह लोगों ने घेरकर मार डाला। एनआईए ने इस मामले को संभालते हुए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की और पाया कि श्रीनिवासन की हत्या एक संगठित साजिश का हिस्सा थी। इससे पहले स्पेशल कोर्ट ने भी इन आरोपियों की जमानत खारिज कर दी थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। गजब कांग्रेस..! राहुल गांधी के खिलाफ बयान कैसे सुना.? ड्राइवर-कंडक्टर को जारी हुआ सरकारी नोटिस मोदी-बाइडेन पर ऐसा क्या बोल गए राहुल गांधी..? विदेश मंत्रालय को देना पड़ा जवाब जम्मू-कश्मीर में अब NSG की एंट्री, ADGP बोले- आतंकी और उनके समर्थकों का सफाया करेंगे