नई दिल्लीः भारत के दिग्गज रेसलर बजरंग पूनिया अब अपने कोच शेको बेनतिनिडिस से अलग हो चुके हैं। बजरंग लंबे समय से बेनतिनिडिस के साथ थे. दोनों के बीच हाल के दिनों में दूरियां आ गई थीं. बजरंग ने ओलिंपिक से 9 महीने पहले यह फैसला लिया है. जॉर्जिया के रहने वाले बेनतिनिडिस की कोचिंग में बजरंग दुनिया के नंबर 1 पहलवान बने थे. एक अखबार में छपे खबर के मुताबिक, पूनिया नया कोच ढूंढने में भी लग गए हैं. क्‍यूबा के यांद्रो मिगुएल क्विंटाना बीते कुछ दिनों से बजरंग का कोच बनने के लिए ऑडिशन दे रहे हैं। बजरंग टोक्‍यो ओलिंपिक में मेडल जीतने के सबसे बड़े दावेदारों में से एक हैं। क्विंटाना ने 2004 के एथेंस ओलिंपिक में 60 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्‍ड जीता था. हालांकि अभी तक उनका चयन तय नहीं है क्‍योंकि बजरंग रूसी पहलवान सोसलान रामोनोव में ज्‍यादा रूचि दिखा रहे हैं. रामोनोव ने रियो ओलिंपिक के 65 किलो भार वर्ग में गोल्‍ड जीता था। पूनिया और शेको बेनतिनिडिस के बीच नूर सुल्‍तान में हुई वर्ल्‍ड चैंपियनशिप के दौरान दूरियां आ गई थी. इस टूर्नामेंट में गोल्‍ड मेडल के दावेदार बजरंग को कांसे से संतोष करना पड़ा था. वह सेमीफाइनल में कजाखस्‍तान के दौलत नियाजबेकोव से टाई ब्रेकर के आधार पर हार गए थे। भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शऩ से खुश हैं कोच, जताई यह उम्मीद मैरीकॉम के डायकेक्ट चयन को लेकर बढ़ा विवाद, निखत जरीन पहुंची खेल मंत्रालय Football : भारत और बांग्लादेश के बीच हुए मैच के हीरो रहे भारतीय डिफेंडर आदिल खान