केदारनाथ: उत्तराखंड में निरंतर हो रही भारी वर्षा के चलते एहतियात के तौर पर केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री की यात्रा को रोक दिया है, हालांकि दर्शन कर लौट रहे तीर्थयात्रियों की आवाजाही जारी है। प्रदेश में वर्षा से 449 सड़कें बाधित हो गई हैं। वहीं,जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर दो विमान उतर नहीं पाए। अपराह्न लगभग साढ़े 4 बजे केदारनाथ घाटी में तेज वर्षा होने के पश्चात् प्रशासन ने यात्रा रोक दी है। वही दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रुकने की सलाह दी गई है। अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी ने बताया कि पूर्वाह्न यात्री भेजे गए थे, किन्तु भारी वर्षा होने के बाद यात्रा को रोकना पड़ा। वहीं, शाम लगभग 7 बजे बदरीनाथ मार्ग पर भी कई जगहों पर मलबा आने से यात्रा रोक दी गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ मार्ग पर खचड़ा नाला, कंचन गंगा, पागल नाला, छिनका व पीपलकोटी के पास कई जगहों पर देर शाम भूस्खलन से सड़क बाधित हो गई है। वहीं, उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने गंगोत्री एवं यमुनोत्री यात्रा को सुबह ही रोक दिया था। यमुनोत्री यात्रा ओजरी (स्यानाचट्टी) के पास सड़क पर 50 मीटर से अधिक मलबा आने और गंगोत्री यात्रा खीरगंगा के पास मलबा आने से रोकी गई है। बुधवार दोपहर बदरीनाथ हाईवे तोताघाटी के समीप मलबा आने से 7 घंटे तक बंद रहा। दोपहर सवा दो बजे मार्ग को खोला जा सका। लोनिवि के मुताबिक, मंगलवार तक 315 सड़कें बंद थी, जबकि बुधवार को 243 सड़कें और बंद हो गई। इस प्रकार दिन तक बंद सड़कों की संख्या 558 पहुंच गई। हालांकि, देर शाम तक 109 सड़कों को खोल दिया गया। लोनिवि के एचओडी डीके यादव ने बताया कि वर्षा से सड़कें खोलने में कठिनाई आ रही है। बंगाल चुनावी हिंसा में 6 और लोगों की मौत, परिजन बोले- पुलिस फायरिंग में गई जान, 45 हुआ मृतकों का आंकड़ा दिल्ली में दर्दनाक सड़क हादसा, दो ट्रकों की टक्कर में 4 कांवड़ियों की मौत, कई घायल 'हमारा सामूहिक दाह संस्कार करें, ताकि हम चारों साथ रहें', लिखकर एक साथ पूरे परिवार ने खत्म की जीवनलीला