नई दिल्ली: भारत में दीवाली का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और इस त्योहार में पटाखे चलाने का अपना अलग ही महत्व है। देश में कुछ स्थानों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है वहीं कोर्ट ने ग्रीन पटाखे चलाने और बेचने का निर्णय सार्वजनिक रूप से दिया है। यहां बता दें कि कोर्ट द्वारा ग्रीन पटाखे बेचने का आदेश देने के बाद कारोबारियों को 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सरकार और आरबीआई में बढ़ी तकरार, गवर्नर उर्जित पटेल दे सकते हैं इस्तीफा जानकारी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के कारोबारियों का कहना है कि यह लगातार दूसरा साल है जब दिवाली से कुछ दिन पहले ही पटाखे बेचने पर बैन लगा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर पटाखों की बिक्री में देश का सबसे बड़ा थोक बाजार है और दीवाली के अवसर पर उत्तर भारत के अधिकांश व्यापारी यहीं से माल खरीदने के लिए आते हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस आदेश का व्यापार पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। जहां व्यापारी पटाखे यहां से खरीदते थे वहीं अब वो कहीं और से माल खरीद रहे हैं। बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट के इस फैसले का पटाखा व्यापार पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। अब डोमिनोज पिज्जा के साथ नहीं मिलेगा सॉफ्टड्रिंक कोका कोला, 20 साल का करार खत्म गौरतलब है कि कोर्ट के फैसले के अनुसार अब ग्रीन पटाखों का उपयोग किया जाना है जिससे प्रदूषण में कमी आ सके। वहीं ठीक इसके विपरीत व्यापारी वर्ग ग्रीन पटाखों को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। वहीं ईको फ्रेंडली दीवाली को बढ़ावा देने के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने कम प्रदूषण करने वाले पटाखे बनाने का दावा किया है। ये पटाखे न केवल ईको फ्रेंडली हैं, बल्कि पारंपरिक पटाखों से सस्ते भी हैं। खबरें और भी कारोबारी सुगमता में भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार, 77वें स्थान पर पहुंचा मद्रास हाईकोर्ट ने लगाया आॅनलाइन दवा ब्रिकी पर प्रतिबंध पंजाब नेशनल बैंक नवंबर में करेगा अपना लोन महंगा