उदयपुर: 2022 में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा मजहब के नाम पर की गई कन्हैया लाल दर्जी की हत्या के चलते चर्चा में आया राजस्थान का उदयपुर जिला एक बार फिर सुर्खियों है। दरअसल, यहाँ जिला प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द बरक़रार रखने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि अगले 2 महीने तक कोई भी सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म से जुड़े झंडे, प्रशासन की इजाजत के बगैर नहीं लगाए जा सकते हैं. साथ ही सरकारी भवन, इमारत या पार्क ध्वज लगे हुए दिखने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है. इधर, गुरुवार को हनुमान जन्मोत्सव के पर्व पर जिले में धार्मिक स्थलों पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है. बता दें कि जिला कलेक्टर ने यह फरमान बुधवार (5 अप्रैल) की देर रात जारी किया था. आदेश जारी होने के बाद भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए तुष्टिकरण के आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही जिला कलेक्टर के इस आदेश को विगत 23 मार्च को गांधी मैदान पर हुई बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सभा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि पंडित डिरेन्द्र द्वारा अपनी सभा में कुंभलगढ़ पर एक विशेष धर्म के झंडे लगाने को लेकर दिए गए बयान के बाद पुलिस ने कुंभलगढ़ पर भगवा झंडा लेकर पहुंचे 5 लोगों को अरेस्ट किया था. दरअसल, उदयपुर पुलिस अधीक्षक (SP) विकास कुमार शर्मा ने कलेक्टर ताराचंद मीणा को एक पत्र लिखते हुए जानकारी दी थी कि जिले में धार्मिक आयोजनों को देखते हुए धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त झंडिया लगाकर कानून-व्यवस्था पर असर डाला जा सकता है, जिसके बाद दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए उदयपुर जिले के सम्पूर्ण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक सम्पत्तियों जिनमें राजकीय भवन, सार्वजनिक सामुदायिक भवन, विश्राम गृह, सार्वजनिक पार्क, खम्भे (पोल) इत्यादि पर बिना अनुमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह वाली झंडिया लगाने पर बैन लगा दिया गया है. सावधान: देशभर में बिक रही दिल्ली-NCR में बनी नकली दवाइयां, खाने से मरीजों की आँख की रौशनी जा रही ! 'डिजिटल इंडिया का मज़ाक उड़ाते थे ये लोग..', विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी 'हनुमान जी की तरह राष्ट्रसेवा करें..', भाजपा के स्थापना दिवस और हनुमान जन्मोत्सव पर बोले पीएम मोदी