नई दिल्ली: भारत के नजदीकी दोस्त और प्रबल समर्थक बांग्लादेशी राजनयिक सैयद मुअज्जम अली का कुछ समय की बीमारी के बाद अचानक से सोमवार को देहांत हो गया। बांग्लादेश के पूर्व विदेश सचिव मुअज्जम अली भारत में अपने पांच वर्ष के टर्म के बाद हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत-बांग्लादेश संबंधों को सशक्त करने में अहम भूमिका निभाई। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि वह बीते हफ्ते दिल्ली से चले गए। उनके परिवार में उनकी पत्नी तुहफा जमान अली और दो पुत्र हैं। एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा है कि, "वह एक अच्छे मित्र और हमारे लिए एक सशक्त साथी रहे।" अली 1968 में पाकिस्तानी विदेश सेवा में शामिल हुए थे। किन्तु 1971 में बांग्लादेश के अलग देश बनने के बाद उन्होंने बांग्लादेश के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की। वे वाशिंगटन डीसी में बांग्लादेश मिशन के संस्थापक सदस्य बने। अली, पेरिस में यूनेस्को (Unesco) में बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि के पद पर भी रहे। राजनयिक ने वारसॉ, नई दिल्ली (1986-88), न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी मिशन, खाड़ी के दौरान जेद्दा के काउंसिल जनरल, भूटान, ईरान, सीरिया, लेबनान, तुर्कमेनिस्तान, फ्रांस और पुर्तगाल में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके निधन पर बांग्लादेश के कई बड़े नेताओं ने शोक प्रकट किया है। फिर D कंपनी के टारगेट पर आया डॉन छोटा राजन, बनाया जेल में ही ख़त्म करने का प्लान जनरल बिपिन रावत के CDS बनने पर US ने दी बधाई, अमेरिकी राजदूत ने शेयर की पुरानी तस्वीर बढ़ रही 'ड्रेगन' की ताकत, हिन्द महासागर में उतारे दो एयरक्राफ्ट