गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा गुरुवार (1 अगस्त) को झारखंड के पाकुड़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि 'बांग्लादेशी घुसपैठिए' राज्य के आदिवासियों की जमीन हड़प कर रहे हैं। सरमा ने यह भी कहा कि आदिवासी परिवार को उनकी जमीन वापस दिए जाने के न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासन इस संबंध में कोई आवश्यक कदम नहीं उठा रहा है। इससे पहले पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिए खुलेआम आदिवासियों को धमका रहे हैं और सोरेन सरकार कुछ नहीं कर रही है। वहीं, गुरुवार को सीएम सरमा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, "आज मैंने पाकुड़ के गैबथान गांव का दौरा किया। वहां SPT कानून है, इसलिए आदिवासियों की जमीन किसी और को हस्तांतरित नहीं की जा सकती। लेकिन दो बांग्लादेशी घुसपैठियों ने उनकी जमीन हड़प ली, अदालत ने आदेश दिया कि उन दोनों को हटाया जाए और आदिवासी परिवार को उनकी जमीन वापस दी जाए, लेकिन प्रशासन ने कुछ नहीं किया।" सीएम सरमा ने कहा कि, "जब आदिवासी परिवार ने अपनी जमीन पर घर बनाने की कोशिश की, तो उन पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने हमला कर दिया। आज भी उन्हें अपनी जमीन वापस नहीं मिली है। झारखंड के किसी आदिवासी मुख्यमंत्री को उनकी मदद करनी चाहिए। घुसपैठ कोई मुद्दा नहीं है, यह पाकुड़, साहिबगंज जैसी जगहों की हकीकत है।'' सरमा ने कहा, "पाकुड़ और पूरे संथाल परगना की डेमोग्राफी बदल रही है। हमारी पार्टी दोनों आदिवासी पीड़ितों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये प्रदान करेगी। अगर झारखंड के मुख्यमंत्री मेरे राज्य में आते, तो मैं उन्हें कहीं भी जाने से नहीं रोकता, लेकिन मुझे गोपीनाथपुर न जाने के लिए कहा गया है।" उन्होंने कहा कि, अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री को घुसपैठियों के डर से किसी खास जगह पर जाने की अनुमति नहीं है, तो आप झारखंड की स्थिति समझ सकते हैं। मैं गोपीनाथपुर का दौरा जबरदस्ती नहीं करना चाहता, लेकिन मैं कुछ समय बाद फिर आऊंगा और फिर गोपीनाथपुर जरूर जाऊंगा।" असम के सीएम ने इससे पहले, कहा था कि भारत-बांग्लादेश सीमा का इस्तेमाल रोहिंग्याओं द्वारा किया जा रहा है, भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ कई गुना बढ़ गई है। बुधवार को गुवाहाटी के लोक सेवा भवन में एक प्रेस वार्ता में सीएम सरमा ने कहा था कि, "मेरा हमेशा से मानना रहा है कि रोहिंग्या अभी भी भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा की स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। असम में, हम भारत-बांग्लादेश सीमा के केवल एक हिस्से की रखवाली कर रहे हैं। हाल ही में, हमने देखा कि त्रिपुरा पुलिस ने बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ कई गुना बढ़ गई है। पिछले साल, असम पुलिस ने भी एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, और फिर NIA ने जांच में इसकी पुष्टि की। सरमा ने कहा, "भारत सरकार को बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा को मजबूत करना चाहिए, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह बांग्लादेशी नागरिकों को शरण देंगी।" 'सिर्फ पटना और हज़ारीबाग में हुआ पेपर लीक, कोई सिस्टमिक फेलियर नहीं..', NEET-UG मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला बंगाल राशन घोटाला मामले में TMC नेता अनीसुर रहमान और अलिफ नूर गिरफ्तार, गरीबों के अन्न में 10000 करोड़ की धोखाधड़ी ! 'पिछले 5-6 वर्षों में भारत ने करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला..', सरकार की इस नीति का मुरीद हुआ संयुक्त राष्ट्र, दुनिया को दिया उदाहरण