सरकार की लिस्ट में कई सरकारी बैंक हैं, जिनका निजीकरण होने वाला है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम IDBI Bank का है. सरकार अगले वित्त वर्ष में इसका विनिवेश करने वाली है. लेकिन इस दौरान IDBI बैंक ने शानदार नतीजे भी पेश किए जा चुके है. बैंक मुनाफे में लगातार तिमाही दर तिमाही इजाफा हो रहा है. आईडीबीआई बैंक को तीसरी तिमाही (IDBI Q3 Result) में शुद्ध लाभ 60 फीसदी बढ़कर 927 करोड़ रुपये हुआ है. बैंक ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बोला है कि वित्तीय प्रावधान में कमी और ब्याज आय बढ़ने से उसका लाभ बढ़ा है. एक वर्ष पहले की समान तिमाही में बैंक ने 578 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अपने नाम किया है. IDBI बैंक को जोरदार मुनाफा: अक्टूबर-दिसंबर, 2022 तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 23 प्रतिशत बढ़कर 2,925 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 2,383 करोड़ रुपये थी. वहीं बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) सुधार में दर्ज भी की जा चुकी है. तीसरी तिमाही में NPA सुधरकर 13.82 प्रतिशत रही. जबकि बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 21.68 फीसद था. NPA में सुधार के कारण से बैंक को इस तिमाही में फंसे कर्जों के लिए केवल 233 करोड़ रुपये का ही वित्तीय प्रावधान करना पड़ा, जबकि दिसंबर, 2021 की तिमाही में यह राशि 939 करोड़ रुपये थी. बैंक की आर्थिक सेहत में सुधार सरकार को विनिवेश (Divestment) से अच्छी-खासी रकम भी दी जा रही है. IDBI बैंक सरकार और LIC की हिस्सेदारी: खबरों का कहना है कि सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास IDBI बैंक में 94.71 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. सरकार ने 7 अक्टूबर 2022 को IDBI बैंक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. खबर है कि 60.72 प्रतिशत भाग की बिक्री के लिए संभावित निवेशकों से रुचि पत्र मंगाए गए हैं. इस बैंक में घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों ने रुचि भी दिखा दी है. बीते दिनों डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव तुहिन कांता पांडे ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को इस बारें में कहा है कि IDBI Bank में बहुमत भागेदारी हासिल करने के लिए घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों ने रुचि दिखाई है. इससे पहले डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट ने बोला था कि संभावित खरीदारों के पास 22,500 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ होना जरुरी है. अगले वित्त वर्ष में विनिवेश का लक्ष्य: गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा भी कर दी है. लेकिन कोरोना संकट की वजह से कामयाबी नहीं मिल पाई. अब एक बार फिर सरकार तेजी से विनिवेश के मोर्चे पर आगे बढ़ने में लगे हुए है. गणतंत्र दिवस का जश्न होगा और भी खास, परेड में लग जाएंगे चार चाँद आधी रात 2 बजे CM हिमंता बिस्वा सरमा ने की शाहरुख खान से बात, खुद बताई कॉल की कहानी मैच के लिए बनाया नया ट्रैफिक प्लान, कई रास्ते रहेंगे बंद