नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते आर्थिक मंदी से देश में 2020 के दौरान बैंकों के गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) अनुपात में 1.9 फीसदी और ऋण लागत अनुपात में 1.3 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक, ''कोरोना वायरस संकट के चलते एशिया-प्रशांत बैंकों की ऋण लागत में 300 अरब डॉलर की वृद्धि हो सकती है।'' उसके अनुसार चीन का एनपीए अनुपात लगभग दो फीसदी बढ़ेगा, जबकि ऋण लागत अनुपात में एक फीसदी की वृद्धि होगी। रेटिंग एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक गेविन गुनिंग ने कहा कि भारत में NPA अनुपात तक़रीबन चीन के समान (1.9 फीसदी) रह सकता है, किन्तु ऋण लागत अनुपात अधिक बुरा होकर लगभग 1.3 फीसदी बढ़ सकता है। गनिंग ने कहा कि ऐसी चिंताएं भी हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण आगे और तेजी से फैलेगा और उसका प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है। उन्होंने कहा, ''इससे 2020 में आर्थिक समस्या और बढ़ेगी, जिसका अनुमान हम पहले ही लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय दशाएं और बिगड़ सकती हैं, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने का प्रयास करेंगे। इससे बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज प्रभावित होगा।'' स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 12 घंटे में देशभर में 490 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ देश में आज सुबह तक कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल तादाद बढ़कर 4067 हो गई है। इनमें 3666 सक्रिय हैं, 291 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है कोरोना से जंग में मदद के लिए आई पेप्सिको इंडिया, उपलब्ध कराएगी टेस्ट किट और भोजन कोरोना से मरने वालों को मिलेगा क्लेम, मृत्यु दावों से इंकार नहीं कर सकती बीमा कंपनियां कोरोना का कहर, हवाई अड्डे की 2 लाख नौकरियों पर मंडराया संकट