बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के समय में हुए बदलाव

मथुरा। कान्हानगरी मथुरा के वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिये समय सीमा बढ़ाने का विरोध करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गयी है।  समाजसेवी मधुमंगल शुक्ला ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विश्व प्रसिद्ध जन-जन के आराध्य श्री ठा. बांकेबिहारी जी महाराज के वृन्दावन स्थित मन्दिर की समय सारिणी, नियमावली और आस्था से छेड़छाड़ को तत्काल रोकने का अनुरोध किया है। 

शुक्ला ने पाती में लिखा है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मन्दिर की समय सारिणी, नियमावली और आस्था से छेड़छाड़ व दखलंदाजी करने की अनुचित कोशिश करते हुए मंदिर की सेवा के विरूद्ध प्रतिदिन चार घंटे दर्शन समय में वृद्धि करने का मन बनाया है। इस संबंध में नगर मजिस्ट्रेट एवं सीओ सदर की ओर एक वाद सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा के यहां दायर किया गया है जिस पर 18 दिसम्बर को आपत्तियां मांगी गई हैं।

समाजसेवी के अनुसार मन्दिर की समय सारिणी, नियमावली, आस्था से छेड़छाड़ करना अत्यन्त ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण माना जायेगा, क्योंकि ब्रजवासी व जन जन एवं प्रतिवर्ष दर्शन लाभ के लिए आने वाले लगभग आठ करोड़ तीर्थयात्री, भक्तगण विराजमान ठा. श्री बांकेबिहारी जी महाराज को भक्ति मार्ग के आचार्यों की परम्परानुसार बालभाव में ही दर्शन करना श्रेयस्कर समझते हैं। पूर्व से चले आ रहे दर्शन समय में दखलंदाजी कर उसे चार घंटे और बढ़ाना श्रीठाकुर जी के बालभाव की सेवा में व्यवधान ही माना जायेगा।

पत्र में कहा गया है कि मथुरा जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को यहां की व्यवस्थाएं संभालनी चाहिए ताकि विश्वभर से आने वाले तीर्थयात्री एवं भक्तजनों ब्रज-वृन्दावन आने का सुखद अहसास कर सकें व उन्हें आनंद मिले लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। शुक्ल ने लिखा कि श्रीबांकेबिहारी मंदिर की दर्शन लाभ सेवा में कतई व्यवधान पैदा करने की कुचेष्टा न की जाये, यदि उनके द्वारा मनमाने ढंग से एकतरफा कोई निर्णय लिया जाता है तो वह जनहित में नहीं होगा और अन्यथा की स्थिति में उन्हें माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की शरण लेनी पड़ सकती है, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। 

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