बैंकिंग धोखाधड़ी देश के भविष्य पर डाका : उर्जित पटेल

नई दिल्ली : बैंकिंग धोखाधड़ी को लेकर अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक अर्थात आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि नीलकंठ की तरह केंद्रीय बैंक विषपान करने और पत्थर खाने को तैयार है, लेकिन व्यवस्था को और बेहतर बनाने की कोशिशें लगातार जारी रहेंगी.

गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में व्याख्यान देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने 12,967 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, कि हम लोगों को भी बैंकिंग क्षेत्र में हुए धोखों और अनियमितताओं को लेकर गुस्सा, दुख और अफसोस होता है.यह कार्य कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों की ओर से देश के भविष्य पर डाका डालने के समान हैं.

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता की समीक्षा के बाद इस मिलीभगत को खत्म करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.इस संदर्भ में उन्होंने पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक  देश के भविष्य के लिए स्थिरता का अमृत हासिल नहीं कर लिया जाता है, किसी न किसी को तो मंथन से निकलने वाले विष का पान करना ही पड़ेगा.पटेल ने यहां तक कह दिया कि अगर हमें पत्थरों का सामना करना पड़ा और नीलकंठ की तरह विषपान करना पड़ा, तो हम इसे अपने कर्तव्य की तरह लेंगे. हम अपने प्रयासों के साथ आगे बढ़ेंगे और हमेशा बेहतर करते रहेंगे.

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