वर्तमान स्थिति में कई बैकों के विलय की कवायद चल रही है. वही, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) दोनों के ग्राहकों के लिए एक अप्रैल एक महत्वपूर्ण दिन था. एक अप्रैल को इन दोनों ही बैंकों का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हो गया है. इस दिन से देश भर की सभी यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की ब्रांचों ने सरकारी स्वामित्व वाले पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांचों के रूप में काम करना शुरू कर दिया है. इस विलय के बाद यूबीआई और ओबीसी बैंक के ग्राहकों में विभिन्न शुल्कों, ब्रांचों और बैंकिंग सेवाओं को लेकर कई शंकाए हैं. वहीं, कुछ अफवाहें भी हैं. आज हम आपके इन्हीं सवालों का समाधान करने वाले हैं. कोरोना प्रकोप पर बोला नीति आयोग, कहा-देश इससे लड़ने के लिए अच्छी तरह से तैयार मार्केट रिसर्च के अनुसार लोगों के बीच इस विलय के बाद यह सवाल है कि क्या उन्हें एक बार फिर केवाईसी डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने पड़ेंगे. इसका जवाब है कि अगर आपकी केवाईसी पुराने बैंक के रिकॉर्ड में अपडेटेड है, तो आपको दोबारा किसी भी तरह के केवाईसी डॉक्यूमेंट्स जमा कराने की जरूरत नहीं है. कोरोना के कहर में टूटा शेयर बाजार, इन स्टॉक्स की सबसे ज्यादा हुई पिटाई लोंगों के बीच यह शंका है कि उनका अकाउंट बंद हो जाएगा या उनकी अकाउंट डिटेल्स बदल जाएगी. यहां हम स्पष्ट कर दें कि विलय के बाद भी मौजूदा अकाउंट नंबर, आईएफएससी, एमआईसीआर, डेबिट कार्ड आदि में आगे कोई सूचना नहीं आने तक कोई बदलाव नहीं आएगा. विलय के बाद ग्राहकों का मौजूदा खाता भी सभी सेवाओं के साथ जारी रहेगा. साथ ही, लोगों के बीच एक बड़ा सवाल चेकबुक और पासबुक को लेकर भी है. इसका जवाब है कि ग्राहकों की चेकबुक और पासबुक आगे कोई सूचना नहीं आने तक विलय की तारीख के बाद भी वैध रहेगी. कोरोना ने तोड़ी एविएशन कंपनी की कमर, एयर इंडिया ने 200 पायलट को किया सस्पेंड कोरोना के चलते धीमी पड़ी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ़्तार, घटी मांगकोरोना : इलाज के खर्च से हो जाए टेंशन फ्री, बहुत सस्ते में मिल रही ये इंश्योरेंस पॉलिसी