नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य प्रबंधकों के साथ समीक्षा मीटिंग की. इसमें शामिल हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशक ने वादा किया कि सही फैसले लेने वाले बैंक अफसरों को‌ अब सीबीआई का डर नहीं होगा. बैठक में निर्धारित हुआ कि सीबीआई की ओर से भेजे जाने वाले हर नोटिस में एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होगा, जिससे यह पता लग सकेगा कि सीबीआई द्वारा भेजा हुआ नोटिस ऑथेंटिक है. उन्होंने कहा कि जायज़ कमर्शियल रीजन से नाकाम होने वाले बिजनेस के लिए की जाने वाली जांच एजेंसी की कार्रवाई अधिक संवेदनशील होगी. बैंक ऑफिसर्स को‌ सही फैसले लेने में सीबीआई का भय नहीं होगा. किसी भी प्रोजेक्ट या कारोबार से संबंधित बोनाफाइड फैसलों के लिए उन्हें अलग से ट्रीटमेंट की सुविधा दी जाएगी. यानी कुछ रियायत मिलेगी. इसके साथ ही सीबीआई बैंक अधिकारीयों के साथ कई वर्कशॉप आयोजित करेगी, जिसमें बताया जाएगा कि धोखाधड़ी को किस तरह से रोकें और सही फैसले किस तरह से लें? गलत फैसले क्या होते हैं? इस बारे में भी जानकारी दी जाएगी. साधारणतया 3 करोड़ रुपए से अधिक के मामले बैंकों के द्वारा ही सीबीआई को सौंपे जाएंगे. सीबीआई अपनी ओर से सूओमोटो केस रजिस्टर नहीं करेगी. इन आठ शहरों के लिए फ्लाइट लेने से पहले एक बार जरूर चेक करें Flight Status पेट्रोल, डीजल की कीमतों में आयी तेज़ी, जानिये आपके शहर में क्या रहा भाव वित्त मंत्री का कहना की अब बैंकर्स को CBI, CAG, CVC से डरने की जरुरी नहीं