नई दिल्ली : नोटबन्दी की समय सीमा 30 दिसंबर को खत्म होने के बाद भी देश के ग्रामीण इलाकों में अभी भी नोटों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है.लोग अभी भी बैंको और एटीएम में नोटों के लिए परेशान हो रहे हैं.इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गत 31 दिसंबर की शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में भी किया था. इसी बात को गंभीरता से लेकर रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि अपने बैंकों के 40 फीसदी नोट ग्रामीण इलाकों में पहुंचाएं. गौरतलब है कि नोटबंदी की वजह से गरीब और सीमांत किसानों को नकद की बहुत किल्लत हो रही है.उधर सरकार ने बैंकों की साप्ताहिक 24,000 रुपए की नकदी निकासी सीमा को नहीं हटाया है.ऐसे में गार्मिन इलाकों के लोग बहुत परेशान हैं. इसीलिए रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि 'बैंक अपनी करेंसी चेस्ट को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों, वाणिज्य बैंकों की ग्रामीण शाखाओं, व्हाइट लेबल एटीएम और डाकघरों में प्राथमिकता के साथ नए नोट जारी करें. यह काम प्राथमिकता के साथ होना चाहिए, क्योंकि ये ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी वितरण के मुख्य चैनल हैं.' बता दें कि रिजर्व बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों द्वारा की जा रही नोट आपूर्ति स्थानीय जरूरतों के अनुरूप नहीं होने को देखते हुए जरूरी कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं.आरबीआई ने सभी राज्यों के प्रत्येक जिले पर गौर किया है और उनकी जरूरतों का आंकलन भी कर लिया है. इसकेअनुसार सभी जिलों में काम करने वाली करेंसी चेस्ट दिए गए अनुपात में बैंक नोट जारी करेंगे. हथियारों के बल लूटे डाकघर के पांच लाख कालाधन जमा हुआ था, बैंक पर एक करोड़ का जुर्माना