हैदराबाद : केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने हाल ही में गणेश उत्सव पर प्रतिबंध को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को निशाने पर लिया है। हाल ही में उन्होंने कहा कि, 'राज्य सरकार भारत की समृद्ध परंपराओं का अपमान कर रही है। गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लगाना देश की समृद्ध परंपरा का अपमान करने जैसा है।' आपको बता दें कि भाजपा मंत्री का यह बयान वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा चतुर्थी उत्सव पर प्रतिबंध लगाने के बाद आया है। Harassing @BJP4Andhra karyakartas for raising voices on behalf of people or arresting leaders will never deter their commitment. — V Muraleedharan / വി മുരളീധരൻ (@VMBJP) September 7, 2021 जी दरअसल अपने ट्वीट्स में मुरलीधरन ने कहा, 'पहले हिंदू मंदिरों पर हमला होते हैं । अब गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लगाना @ysjagan की सरकार हिंदू संस्कृति को नष्ट करने पर तुली हुई है । गणेश उत्सव एक राष्ट्रीय पर्व है, जो एकता का प्रतीक है । इसे प्रतिबंधित करना भारत की समृद्ध परंपराओं का अपमान है । शर्म आनी चाहिए ! लोग इस कदम को कभी माफ नहीं करेंगे ।' इसी के साथ अपने एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने यह दावा किया है कि, 'लोगों की ओर से आवाज उठाने या नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान करने से उनकी प्रतिबद्धता कभी कम नहीं होगी।' Once the British tried to do the same, through its 1892 anti-public assembly legislation. But Lokamanya Gave a befitting reply with Ganesh Utsav. @BJP4Andhra too will continue to fight for people & protect India's traditions. — V Muraleedharan / വി മുരളീധരൻ (@VMBJP) September 7, 2021 इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि 'एक बार अंग्रेजों ने अपने 1892 के जन-विरोधी विधान के माध्यम से भी ऐसा ही करने की कोशिश की थी लेकिन लोकमान्य ने गणेश उत्सव से करारा जवाब दिया । @BJP4Andhra भी लोगों के लिए लड़ना और भारत की परंपराओं की रक्षा करना जारी रखेगा।' आप सभी को बता दें कि भारत में आने वाले 10 सितम्बर से गणेश उत्सव का शुभ दिन शुरू होने जा रहा है और इन दस दिनों में लोग भगवान गणेश की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लेंगे। एक बार फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, बीते 24 घंटे में मिले 38130 नए केस बहनों के चलते स्कूल और घर में मार खाते थे जस्सी गिल 'गिल्ली-डंडा' खेल को लेकर बच्चों के बीच हुआ विवाद, और फिर...