भगवान गणेश शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं। उनका गज (हाथी) सिर और लम्बोदर (बड़ा पेट) हैं। वे ऐसे ईश्वर है, जिसे किसी अन्य देवता के पहले, यहां तक कि शिव, ब्रह्मा और विष्णु की पूजा से भी पहले पूजा जाता है। वे प्रगति और ज्ञान के देवता हैं। श्री गणेश की शारीरिक संरचना सबसे भिन्न और मन-मोहक है। उनके स्वरुप का प्रतीकात्मक अर्थ है, जो हमें बहुत कुछ सिखाता है और उनके बारे में भी बताता है। उनके एक हाथ में अंकुश हैं, जिसका अर्थ है – जागृत होना और दूसरे में पाश है, जिसका अर्थ है नियंत्रण। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जागृति के साथ नियंत्रण का होना बहुत जरुरी होता है। गजानन की छोटी-छोटी आंखे हर छोटी से छोटी चीज को देख लेती है। साथ ही उनके बड़े-बड़े कान ज्यादा सुनने और कम बोलने पर बल देते है। उनका लम्बोदर स्वरुप का भी अर्थ है, लम्बोदर का अर्थ होता है लम्बा उदर। उनके इस स्वरुप का प्रतीकात्मक अर्थ है कि हमें सभी अच्छी-बुरी बातों को पचा लेना चाहिए। बप्पा के दो दांत हैं, एक खंडित और दूसरा अखंडित हैं। खंडित दांत से आशय बुध्दि से है और अखंडित दांत श्रध्दा का प्रतीक है। कहने का तात्पर्य यह है कि बुध्दि भले ही भ्रमित हो जाए, किन्तु श्रध्दा कभी भी खंडित नहीं होनी चाहिए। आपने ऐसे कही प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाऐ देखि होगी पर आज हम जिसका उल्लेख करने जा रहे है वो आपको चौंका देगी तो हम आपको आज ऐसे गणेश जी के बारे में बताने जा रहे है जो फ़ोन पर सुनते है भक्तो की अर्ज़ी, जी हा यह मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर के जूनि इंदौर क्षेत्र में स्थित है। 1200 साल पुराना भगवन गणेश का यह एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर का नाम चिंतामन गणेश मंदिर है, आपको यह जानकर हैरानी होगी की बीते चार दशक से यहां गणेश भक्त पत्रों के ज़रिये अपनी बात भगवान गणेश तक पहुँचाते रहे है। हैरत की बात यह है की चिंतामन गणेश मंदिर में इंदौर के साथ-साथ देश के अन्य हिसो के अलावा विदेश से भी पत्र आते है। लेकिन बदलते संचार और साधनो के साथ भाग दौड़ वाली इस ज़िन्दगी में अब भक्तो ने पत्र भेजने के स्थान पर मोबाइल पर कॉल करना शुरू कर दिया है। खबरों के अनुसार 2005 से भक्तो ने यहां मोबाइल के सहारे अपनी फरियाद पहुंचना शुरू कर दिया था। जब भी कोई व्यक्ति मोबाइल फ़ोन पर चिंतामन गणेश से बात करने की इच्छा जताता है, तो पंडित जी फ़ोन को सीधे गणेश जी की मूर्ति के पास ले जाते है और उन तक भक्त का सन्देश पंहुचा देते है और बप्पा भक्तो की फरियाद को सुनते है। जानिए क्यों बप्पा को लेना पड़ा था 'धूम्रवर्ण' अवतार? Video: गणेश चतुर्थी पर हनुमान बना युवक अचानक गिरा और हो गई मौत गणेश पांडालों के बीच स्वच्छता में पवित्रता प्रतिस्पर्धा, विजेता को मिलेगा यह उपहार