ऐसे ‘डिस्को किंग’ बने बप्पी लाहिड़ी, इस फिल्म से मिली असली पहचान

बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर गायक बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri) का आज देहांत हो गया है. म्यूजिक जगत ने आज एक प्रतिभाशाली गायक को खो दिया है. बता दें कि बप्पी लाहिड़ी का वास्तविक नाम अलोकेश लहरी है किन्तु इंडस्ट्री में उन्हें बप्पी लाहिड़ी के नाम से जाना जाता है. बप्पी लहरी का जन्म बंगाली परिवार में हुआ. उनके पिता अपरेश लहरी तथा मां बांसुरी लहरी थी. दोनों ही शास्त्रीय संगीत तथा श्यामा संगीत में बंगाली सिंगर एवं संगीतकार थे. बप्पी उनके एकमात्र बच्चे थे. गायक किशोर कुमार भी बप्पी लाहिड़ी के रिश्तेदार थे. वह उनके मामा लगते थे. बप्पी के भीतर भी म्यूजिक को लेकर बचपन से दिलचस्पी आ गई थी. उन्होंने 3 वर्ष की आयु में तबला बजाना सीखना आरम्भ कर दिया था. उन्हें उनके माता-पिता ने ही ट्रेन किया था.

बप्पी को बंगाली सिनेमा दादु से पहली बार बतौर म्यूजिक कम्पोजर काम करने का अवसर प्राप्त हुआ तथा हिंदी सिनेमा जगत में फिल्म नन्हा शिकारी से. किन्तु हिंदी जगत में उन्हें जिससे पहचान प्राप्त हुई थी वो थी फिल्म जख्मी से जिसमें ना गायक उन्होंने कम्पोज किया था बल्कि गाना भी गाया था. इस मूवी से उन्हें फेम मिलना आरम्भ हो गया था तथा वह हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना कमाल दिखाने लगे. बप्पी अपने बेहतरीन काम से यंग म्यूजिक निर्देशक उस समय बन गए थे. कम वक़्त में ही उन्हें कामयाबी प्राप्त हो गई थी.

बप्पी ने फिर वर्ष 2014 में 31 जनवरी को बीजेपी ज्वाइन किया तथा वह वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में भी लड़े. उन्हें सेराम्पोर से सीट मिली थी, किन्तु वह हार गए थे. बप्पी अपनी हार से बहुत दुखी हुए थे. बप्पी ने चलते-चलते, डिस्को डांसर, तम्मा-तम्मा लोगे, याद आ रहा है, ओ लाल दुपट्टे वाली, एक तम्मा जीने की, तूने मारी एंट्रीयां तथा शराबी जैसे हिट सांग दिए हैं. बप्पी की गायिकी की विशेष बात ये है कि वह आज की जनरेशन के लिए भी परफेक्ट सांग गाते थे. 

तो इस वजह से बप्पी दा पहनते थे इतना सोना

महज 3 वर्ष की आयु में तबला बजाने लगे थे बप्पी दा

नही रहे बॉलिवुड के सुरों के राजा, बप्पी दा का हुआ निधन

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