बरेली. ट्रिपल तलाक़ को लेकर फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, कहा जाए तो ये सुनवाई ऐतिहासिक है. इसी दौरान एक अनोखा मामला सामने आया, यह वाकिया उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली का है. यहाँ एक महिला ने शादी के बाद से लगातार प्रताड़ित होकर अपने पति को तलाक दे दिया. यह मामला मिसाल पेश करने वाला है, इस फैसले को धर्मगुरु भी सही मान रहे है. अब तक यह सुना है कि मुस्लिम समाज में पति कभी फोन पर, कभी खत के जरिए अपनी पत्नी को तलाक़ दे देते है. किन्तु बरेली के मीरगंज की एक महिला ने इसके विपरीत अपने शौहर को ही तलाक़ दे दिया. इस महिला की शादी 2011 में शुजादतपुर में हुई थी. महिला को शादी के बाद से ही दहेज़ के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. दहेज़ की मांग पर कई बार उसे मारा-पीटा भी गया. महिला के पति ने बेटी पैदा होने के कारण उसे घर से निकाल दिया. तब महिला ने जुल्म की इन्तहा होने पर इस्लाम में तलाक के हक का इस्तेमाल बेहतर समझा. मुस्लिम उलेमा के हिसाब से इसे तलाक-ए-ताफवीज़ कहते है. जिसका हक़ महिलाओ को निकाह के समय ही पति की ओर से दिया जाता है. इस वाकिये से उन मुस्लिम महिलाओ को प्रेरणा मिली होगी जो अपने हको के बारे में नहीं जानती. बरेली की इस बहादुर बेटी को आज हर कोई तहेदिल से सलाम कर रहा है जिसने मुस्लिम महिलाओ को आजादी की जिंदगी जीने का ख्वाब दिखाया. ये भी पढ़े मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल ने PM मोदी से की मुलाक़ात सुप्रीम कोर्ट में कल होगी ट्रिपल तलाक़ पर सुनवाई कश्मीर में फिर एक सीआरपीएफ जवान पाया गया मृत