बथुए में लोहा, पारा, सोना और क्षार पाया जाता है. यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिससे आपको कई लाभ भी मिलते हैं. यह न केवल कब्ज की समस्या को दूर करता है बल्कि पेट के हर प्रकार के रोग यकृत, तिल्ली, अजीर्ण, गैस, कृमि, दर्द, अर्श पथरी आदि को ठीक करने में एक औषधीय की भूमिका निभाता है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कैसे लाभ पहुंचता है बथुआ. बथुए की प्रकृति तर और ठंड़ी होती है जो गेहूं के खेत में गेहूं के साथ उगता है. कब्ज और बवासीर रोग होने की स्थिति में बथुए का सौ ग्राम रस प्रतिदिन पीना चाहिए. बथुए के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से सिर धोने पर जूएं खत्म हो जाते हैं. साठ ग्राम बथुआ उबालकर, छानकर पीने से मासिक धर्म का अवरोध नष्ट होता है और मासिक धर्म समय पर होने लगता है. पेट के सभी तरह के कीड़े को नष्ट करने के लिए बथुए का डेढ़ सौ ग्राम रस लेकर, उसमें अजवायन का चूर्ण और सेंधा नमक मिलाकर एक सप्ताह तक सेवन कीजिए. बथुए के रस का कुछ सप्ताह तक नियमित सेवन करने से लिवर की समस्याएं नष्ट होती है और लिवर की कार्यक्षमता विकसित होती है. सौ ग्राम बथुए के रस में थोड़ी-सी चीनी मिलाकर पीने से पथरी टूट-टूटकर निकल जाती है. वेसिलीन का ज्यादा इस्तेमाल डाल सकता है आपको खतरे में सर्दी में लें गर्म पानी की भाप, सेहत भी बनेगी और चेहरा भी चमकेगा सौंफ की पत्तियां दूर करेगी जोड़ों का दर्द