बड़ी मुश्किल में फंसा BCCI, इस कारण डेक्कन चार्जर्स को देना होंगे 4800 करोड़ रु

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक बड़ा झटका देते हुए उसे आईपीएल की निष्कासित फ्रेंचाइजी को 4800 करोड़ रु देने का आदेश दिया है। इस संबंध में फैसला सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ ने किया है, वहीं इस संबंध में दावा डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग लिमिटेड (DCHL) के वकील ने किया है। साथ ही मध्यस्थ ने BCCI द्वारा टीम डेक्कन चार्जर्स के निष्कासन को भी अवैध बताया है। 

इस फैसले के आने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मुश्किलें बढ़ा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, धीर एंड धीर असोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर मनीषा धीर ने इस बारे में कहा है कि, शुक्रवार को इस मामले के एक मात्र मध्यस्थ ने निष्कासन को गैरकानूनी बताया। साथ ही डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग लिमिटेड (DCHL) को 630 करोड़ रु और 4160 करोड़ रु हर्जाने की कुल रकम के साथ कुल 4790 रु देने का आदेश दिया है। 

इस बारे में आगे मनीषा धीर ने बताया कि, समझौते के तहत DCHL को देय राशि के रूप में 36 करोड़ रु भी प्रदान किए गए हैं। आपको बता दें कि डेक्कन चार्जर्स आईपीएल की शुरुआत से ही आईपीएल का हिस्सा रही थी। आईपीएल का दूसरा ख़िताब इसी टीम ने अपने नाम किया था। वहीं साल 2012 इसे बाहर का रास्ता दिखाया गया और इसके स्थान पर साल 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद टीम का आगम हुआ था । जो कि अब भी आईपीएल का हिस्सा है।   

 

 

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