BCCI ने सभी बोर्ड सदस्यों को सूचित किया है कि वे एक करार पर हस्ताक्षर करें जिसमें उन्हें घोषणा करनी होगी कि संबंधित क्रिकेट संघों के पदाधिकारी रहते हुए उनका कोई 'हितों का टकराव' नहीं होगा. यह कदम खेल की छवि को साफ सुथरी बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. हाल ही में IPL को लेकर हुए विवादों से BCCI की छवि खराब हुई है. BCCI सचिव अनुराग ठाकुर द्वारा संघो के पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में अपने व्यावसायिक हितों की घोषणा करने और करार पर हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए हैं. संबंधित नियम में BCCI से किसी भी तरह के व्यावसायिक संबंध नहीं रखने की बात कही है. इसमें IPL टीमों में हिस्सेदारी, प्रायोजन या किसी खास खिलाड़ी के हितों को देखना भी शामिल है. पत्र में कहा गया है कि BCCI से जुडे किसी भी अधिकारी के हितों के टकराव के संकेत मिलने पर उसे पद से हटा दिया जाएगा. गौरतलब है कि ये मामला 2008 में भी उठाया गया था जब एन श्रीनिवासन जो तब बोर्ड के कोषाध्यक्ष थे, ने चेन्नई सुपरकिंग्स टीम को खरीदा था. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन के सट्टेबाजी की गतिविधियों में लिप्त पाया गया था. जिसके चलते मयप्पन को उच्चतम न्यायालय ने आजीवन निलंबित कर दिया था.