नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को उनके अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया. बता दें कि करीब डेढ़ साल से सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बाद सोमवार को यह फ़ैसला आया है. गौरतलब है कि अनुराग पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट से झूठ बोला और सुधार प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि अनुराग ने इन आरोपों से इंकार किया है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर को चेतावनी देते हुए कहा था कि झूठी गवाही के लिए बोर्ड अध्यक्ष को सज़ा क्यों ना दी जाए. उन पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है अगर बिना शर्त माफ़ी ना मांगी तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. आपको बता दें कि नई परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट बोर्ड के सभी अधिकारियों को हटाने का निर्देश देकर जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफ़ारिश पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई को पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर जा सकता है या लोढ़ा कमेटी की सारी सिफ़ारिशों का पालन करने का आदेश भी जारी हो सकता है. वैसे ये नौबत इसलिए आई क्योंकि बोर्ड अपने रुख पर कायम रहा. बोर्ड के अनुसार लोढ़ा कमेटी की ज़्यादा सिफारिशें मान ली गई हैं, लेकिन कुछ बातें व्यवहारिक नहीं है जिसको लेकर गतिरोध बना रहा. मुश्किल में पड़ सकते है अनुराग ठाकुर लोढा समिति की दो टूक, BCCI...