नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शीर्ष अदालत को कहा है कि वो उन वकीलों को दंडित करने के लिए नियम बनाएगी, जो कथित तौर पर हड़ताल में शामिल थे. उन वकीलों पर भी कार्रवाई करने का प्रस्ताव है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से दूर रहने के लिए दूसरे वकीलों को भड़काया, अदालती कार्यवाही में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. बीसीआई (BCI) ने शीर्ष अदालत को अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रस्ताव के संबंध में जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीआई के प्रस्ताव की प्रशंसा की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह की पीठ को BCI के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस बारे में सभी बार काउंसिल के साथ मीटिंग बुलाई है. मिश्रा ने शीर्ष अदालत को बताया कि हमने BCI के साथ सभी बार काउंसिल की मीटिंग बुलाई . हम हड़ताल बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव करते हैं, बार एसोसिएशन के सदस्यों को उचित औचित्य के बगैर हड़ताल पर जाने के लिए दंडित करने के लिए नियम बन रहे हैं.' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वकीलों की हड़ताल के मुद्दे से निपटने के लिए शीर्ष अदालत की बेंच ने BCI (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) अध्यक्ष की सहायता मांगी थी. शुक्रवार को पीठ इस मुद्दे से निपटने के लिए लिए गए एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी. जिसमें BCI ने इस प्रस्ताव को रखा. जियो ने हाई-एंड यूजर्स हासिल करने के लिए स्मार्टफोन बंडलिंग को बढ़ाया आगे डीयू शिक्षक संघ ने एनईपी 2020 के तहत 4 साल के पाठ्यक्रम का किया विरोध केंद्र की 6 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति मुद्रीकरण योजना का ध्वजवाहक होगा NHAI