लखनऊ: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी इस समय अमेरिका दौरे पर हैं। जहाँ वे चिरपरिचित अंदाज़ में भाजपा-RSS पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने विदेशी धरती पर यहाँ तक दावा कर दिया कि ''भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिखों को पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत होना चाहिए या नहीं ? सिख गुरुद्वारा जा पाएंगे या नहीं ?'' हालाँकि, ये पता नहीं राहुल गांधी को किसने बता दिया है कि, भारत में सिखों को पगड़ी-कड़ा नहीं पहनने दिया जाता, या गुरूद्वारे नहीं जाने दिया जाता। राहुल के इस बयान को खालिस्तानी सिखों को भड़काने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, राहुल शयद नहीं जानते कि वे बोल नहीं रहे हैं बल्कि भारत विरोधी जहर उगल रहे हैं और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं, या फिर वे भड़काने के लिए ही जानबूझकर ऐसा बोल रहे हैं। वहीं, राहुल ने अमेरिका में आरक्षण पर भी बयान दिया, जिसपर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने आरक्षण पर बयान देने वाले राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि, ''केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।'' उन्होंने आगे लिखा कि, ''अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा श्री राहुल गाँधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है।'' बसपा सुप्रीमो ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि, ''इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता श्री राहुल गाँधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें। जबकि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधन रहें।'' मायावती ने आगे लिखा कि, ''कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है, तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।'' सपा विधायक जाहिद बेग के घर में लटकी मिली नाबालिग लड़की की लाश, जांच शुरू खटाखट पॉलिटिक्स, तुष्टिकरण और अधूरे वादे..! दो सालों में ही हांफ गई सुक्खू सरकार आखिर खाने में थूकने का 'मकसद' क्या? नोएडा से चाँद, बागपत से गुलजार का Video