नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत हमेशा से शांति का पुजारी रहा है और यह उसकी नीति का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन उन्होंने यह भी जोर दिया कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, भारतीय सेना को हर समय युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। यह बयान मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और सीमा स्थितियों के बीच आया है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' यानी पूरी दुनिया को एक परिवार मानने का संदेश दिया है। भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है और हमारी संस्कृति सदियों से शांति पर आधारित रही है। भारत सदैव शांति का पुजारी था, है और रहेगा। लेकिन, आज की वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, मैंने अपने सेना कमांडरों को कहा कि हमें युद्ध के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहना चाहिए। यह इसलिए जरूरी है ताकि हमारे देश की शांति भंग न हो सके।" यह बयान सुनने में सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसके पीछे की गहराई पर विचार करने पर सवाल उठते हैं। आखिर राजनाथ सिंह ने यह बात इस समय क्यों कही? क्या सरकार के पास कुछ विशेष खुफिया इनपुट हैं जो चीन और पाकिस्तान से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों की ओर इशारा कर रहे हैं? दरअसल, पिछले कुछ समय से, चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों में तनाव बढ़ा हुआ है। एक ओर चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी सीमाओं पर उग्रवादी गतिविधियों का समर्थन करता नजर आ रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या राजनाथ सिंह के इस बयान के पीछे इन दोनों देशों से मिल रही संभावित खुफिया जानकारी का कोई संबंध है? भारत का रक्षा मंत्रालय लगातार पाकिस्तान द्वारा सीमापार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। वहीं, चीन के साथ भी भारत की कई बार टकराव की स्थिति बनी है, जिसमें गलवान घाटी की झड़प ने तनाव को और बढ़ाया है। राजनाथ सिंह का यह बयान शायद इन्हीं घटनाओं के संदर्भ में आया हो, जहां भारतीय सेना को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है ताकि देश की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हालात तेजी से बदल रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध, सऊदी-ईरान टकराव, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव और दुनिया के अन्य हिस्सों में हो रहे सैन्य संघर्षों ने वैश्विक सुरक्षा तंत्र को प्रभावित किया है। इन हालातों को देखते हुए, भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, राजनाथ सिंह का यह बयान एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत शांति की अपनी नीति पर अडिग रहेगा, लेकिन अगर कोई इसे चुनौती देता है तो हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है। यह बयान न केवल देशवासियों के लिए, बल्कि हमारे पड़ोसी देशों के लिए भी एक मजबूत संदेश हो सकता है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन वह अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। तो क्या यह सिर्फ एक सामान्य बयान था या इसके पीछे सीमा पर हो रही घटनाओं और संभावित खतरे का इशारा है? यह समय ही बताएगा। लेकिन एक बात साफ है कि भारत अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति के पास पहुंची कांग्रेस सरकार के घोटालों की रिपोर्ट, गवर्नर को मिल रही धमकियां दहेज के लिए ससुराल वालों ने दी शादीशुदा महिला को दर्दनाक मौत, जानिए पूरा मामला कोलकता रेप-मर्डर केस: आरोपी संजय रॉय का DNA सैंपल मैच, CBI ने जुटाए अहम सबूत