पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख पशुपति पारस ने अपने भतीजे, केंद्रीय मंत्री एवं LJP (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। खगड़िया में एक सभा को संबोधित करते हुए पशुपति पारस ने कहा, "इस व्यक्ति के कारण मैं अपने बड़े भाई को उनके अंतिम समय में नहीं देख सका। कोरोना का बहाना बनाकर मुझे और मेरे परिवार के किसी सदस्य को उनसे मिलने नहीं दिया गया, जबकि उनके अंतिम वक़्त में बड़े भाई रामविलास पासवान परिवार के सभी लोगों को याद कर रहे थे। जैसा करेगा, वैसा फल मिलेगा।" गौरतलब है कि रामविलास पासवान के निधन के पश्चात् LJP में टूट हो गई थी। इस के चलते चिराग पासवान के राजनीतिक करियर पर संकट के बादल मंडराते दिखे, किन्तु 2024 में स्थिति पूरी तरह बदल गई। लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जोरदार वापसी की तथा वर्तमान में वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं। पशुपति पारस, जो बिहार के प्रमुख राजनेता एवं भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रह चुके हैं, हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं। वह दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के पश्चात् पशुपति पारस के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल गहराने लगे। पहले उन्हें NDA से कोई सीट नहीं मिली तथा इसके बाद पटना में पार्टी का कार्यालय भी उनके हाथ से चला गया। जिस सरकारी बंगले से पशुपति पारस अपनी पार्टी का संचालन करते थे, उसे खाली करना पड़ा। यह बंगलो पहले रामविलास पासवान के नेतृत्व में LJP का प्रदेश कार्यालय था तथा पटना के व्हीलर रोड पर स्थित था। LJP में टूट के पश्चात् चिराग पासवान को पार्टी से बाहर कर पशुपति पारस ने इस बंगले पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर चाचा-भतीजे के बीच लंबे वक़्त तक विवाद चला। किन्तु 2024 के लोकसभा चुनावों में चिराग पासवान की स्थिति मजबूत हुई। तत्पश्चात, बिहार सरकार ने बंगले का आवंटन पशुपति पारस से रद्द कर इसे चिराग पासवान की पार्टी को दे दिया। कांग्रेस के आंतरिक सर्वे ने ही कर दी थी महाराष्ट्र हारने की भविष्यवाणी, फिर EVM..? 'मस्जिदों-दरगाहों की जांच न हो, वरना..', क्या सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहा मुस्लिम बोर्ड? आज खत्म होगी धीरेंद्र शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता' पदयात्रा, ये होगा आखिरी पड़ाव