मेडिटेशन करने से पहले जान लीजिए इसका सही तरीका

मेडिटेशन को सेहत और सुकून की चाबी माना जाता है, लेकिन रोजमर्रा की भागदौड़ और तनाव के बीच इसका नियमित अभ्यास करना कठिन हो सकता है। एक प्रमुख कारण फोकस की कमी हो सकती है, क्योंकि मन में चलने वाले विचार और चिंताएं व्यक्ति को एक जगह ध्यान केंद्रित करने नहीं देतीं। फोकस को बढ़ाने के लिए शांत जगह पर बैठना फायदेमंद हो सकता है। शांत वातावरण में मेडिटेशन करने से मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है और तनाव और ओवरथिंकिंग जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। यदि आप मेडिटेशन नियमित रूप से नहीं कर पाते, तो ये 5 टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं:

फोकस पर ध्यान दें: मेडिटेशन में सबसे बड़ी चुनौती फोकस की कमी हो सकती है। कई लोगों का मानना है कि मेडिटेशन केवल सुबह या रात को किया जा सकता है, लेकिन असल में ऐसा कोई निश्चित समय नहीं है। जब भी आप खुद को शांत और सुकून में महसूस करें, आप मेडिटेशन कर सकते हैं।

दिन भर की बातें याद करें: यह मेडिटेशन करने का एक सरल तरीका है। इसमें व्यक्ति को पूरे दिन की गतिविधियों को याद करना होता है। यह आमतौर पर रात के समय किया जाता है और इससे आपको दूसरों और खुद के दृष्टिकोण को समझने में मदद मिलती है। इसे 'प्रति प्रश्न साधना' कहा जाता है।

ओम का उच्चारण: यह रात को किया जाने वाला आसान मेडिटेशन है। इसमें सोने से पहले भगवान का नाम या ओम का उच्चारण किया जाता है। इस तरह के मेडिटेशन से वर्तमान में रहने में मदद मिल सकती है और इसे 5 से 10 मिनट तक किया जाना चाहिए।

आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें: यह मेडिटेशन माथे के उस स्थान पर ध्यान केंद्रित करने पर आधारित है जहां महिलाएं बिंदी लगाती हैं, जिसे आज्ञा चक्र कहा जाता है। शुरुआत में इसे 5 मिनट तक किया जा सकता है, और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है।

सांसों पर ध्यान दें: इस तरीके में व्यक्ति को अपनी हर सांस पर ध्यान केंद्रित करना होता है, जब वह सांस लेता और बाहर छोड़ता है। यह मेडिटेशन शुरू में 5 मिनट तक किया जा सकता है और यह मन की चंचलता को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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