नई दिल्ली: पाकिस्तान ने शनिवार को बताया कि वह कश्मीर के विभाजन तथा उसकी जनसांख्यिकी परिवर्तित करने के भारत के किसी भी फैसले का विरोध करेगा। पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत को पांच अगस्त 2019 की कार्रवाई के पश्चात् कश्मीर में कोई और अवैध कदम उठाने से बचना चाहिए। पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को पीएम की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में सम्मिलित होने का आमंत्रण दिया है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में केन्द्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने का खाका तैयार किया जाएगा। कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के 5 अगस्त 2019 के कदम का पूरी प्रकार से विरोध किया है तथा इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। उन्होंने बताया कि भारत के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने की पाकिस्तान प्रतिज्ञा लेता है जो क्षेत्र की जनसांख्यिकी को परिवर्तित करने के लिए जम्मू कश्मीर को विभाजित करने वाले हो। कुरैशी ने बताया कि उन्होंने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत के संभावित कदम से अवगत करा दिया है। वहीं, भाजपा ने शनिवार को कहा कि उसे भरोसा है कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए भविष्य की कार्यवाही पर चर्चा करने के लिए न्योता जम्मू-कश्मीर के सभी नेता ‘‘महत्वपूर्ण’’ विचार-विमर्श में हिस्सा लेंगे। यह बैठक दिल्ली में पीएम के साथ होगी। आमंत्रित व्यक्तियों में सम्मिलित बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि पीएम द्वारा बुलाई गई बैठक विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों की इच्छा के मुताबिक है, जो उनसे वक़्त मांग रहे थे और लंबे वक़्त से इस प्रकार की बैठक की मांग कर रहे थे। बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के PM मोदी संग होने वाली मीटिंग में नहीं शामिल हो सकेंगे नेता प्रधानमंत्री मोदी के करीबी एके शर्मा बने भाजपा के उपाध्यक्ष वर्तमान न्यायपालिका प्रमुख इब्राहीम रायसी ने जीता ईरान का राष्ट्रपति पद