हमारे देश में कई बड़े-बड़े दानवीर है जो मंदिरो में खूब दान देते है. कोई सोने-चाँदी के जेवर, कोई हीरे तो कोई नोटों की गड्डिया. वही मंदिर के बाहर बैठे गरीबो को भी कुछ पैसा या खाना दान दे दिया जाता है. जिसके बाद वो गरीब इंसान बदले में आपको दुआ या आशीर्वाद ही देता है. इससे ज्यादा भी आप उससे क्या उम्मीद करेंगे. लेकिन आज हम आपको एक भिखारिन महिला की कहानी बता रहे है जिसने ऐसा कारनामा कर दिखाया जो बड़े-बड़े पैसे वाले लोग भी न कर पायेंगे. कर्नाटक राज्य के मैसूर में एक मंदिर के बाहर पिछले 10 सालो से एक गरीब महिला भीख मांगती थी. मंदिर के बाहर बने चबूतरे पर ही वो रहती भी थी, वही सोती थी. वह चबूतरा ही उसका घर था. लेकिन पिछले दिनों ही इस भिखारिन ने एक ऐसा काम कर दिखाया जिसके सभी लोग चौक गए. इस भिखारिन ने मंदिर ट्रस्ट को 2.5 लाख दान में दे दिए. जी हाँ... आप भी सुनकर हैरान हो गए ना. मैसूर के वोंटिकोप्पल मंदिर को इस महिला ने इतनी बड़ी रकम दान कर दी. जब इस भिखारिन से इस दान के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि, 'मुझे पैसों की जरूरत नहीं. रहना और खाना मुझे मंदिर से ही मिल जाता है. इसलिए जो मेरा है उसे मंदिर को दे रही हूं.' इस दरियादिली महिला का नाम है सीतालक्ष्मी. लोग इन्हे अम्मा कहकर भी पुकारते है. अम्मा ने अपनी जरुरत का सामान लेकर बाकी के बचे हुए पैसे मंदिर ट्रस्ट को दान कर दिए. अम्मा ने अपनी शारीरिक लाचारी के कारण घर छोड़ दिया था क्योकि वो नहीं चाहती थी कि कोई उनका काम करे फिर तबसे ही वो मंदिर के बाहर बैठने लगी. मंदिर के कर्मचारी भी अम्मा का पूरा ध्यान रखते है. उन्होंने बताया कि, 'अम्मा ने हर वो मदद मंदिर के लिए की है जो वो कर सकती थी. इनका मंदिर के प्रति प्रेम देखकर हम लोग भी इनका पूरा ध्यान रखते हैं.' महिला ने किया कपड़े पर गीता के श्लोक उकेरने का कारनामा.. मिलिए 11 वर्ष की एडिटर और रिपोर्टर से.. Siri अगर होती Indian, तो ऐसे ही देती आपको जवाब