मुंबई: बृहस्पतिवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में थे। यहां एक समारोह में उन्होंने बताया कि हिंदू कौन है, संघ क्या चाहता है तथा भारत को क्या बनना है। उन्होंने कहा, “भारत को जो मानता है, भारत की भक्ति जिसके पास है, संस्कृति के भीतर चलने की कोशिश करने वाले, बलिदान देने वालों का अनुसरण करने वाला, किसी की भी पूजा करे, कोई भी कपड़ा पहने, कहीं भी पैदा हो, एक समाज बनाएं, वो हिंदू है।” उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्र चरित्र सिखाता है। सारी दुनिया को संतुलन सिखाएंगे। हमें दुनिया को जीतना नहीं है, हमें दुनिया को जोड़ना है। हम स्वयं सेवकों को सिखाते नहीं हैं, हम उनकी आदत बनाते हैं। हम भारत को जानकर, भारत जैसा बनना चाहते हैं। हम नकलची होगें, तो आत्मनिर्भर नही बनेंगे। हमें भारत को जानना होगा। मोहन भागवत ने कहा कि ये केवल संघ का काम नहीं है, सभी का काम है। संघ को अपना नाम रोशन नहीं करना है। हम सब को ऐसा बनना है। जाति का गर्व सब में रहता है। भाषा का अभिमान होता है। आपस का बर्ताव भारत की भाषा में होना चाहिए। आजाद भारत में कई राष्ट्र का विलय सरदार पटेल के जरिए हुआ। समाज में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। भारत के उत्थान का श्रेय समाज को ही जाता है। देश केवल जमीन नहीं है। संघ को अपने लिए कुछ नहीं करना है। संघ चाहता है कि भारत का उत्थान हो। मोहन भागवत ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता करने से भारत का मनोबल बढ़ा है। लोगों को लग रहा है कि हम कहीं काम नहीं हैं। भारत को विश्वगुरु बनना है। दुनिया ने देखा है कि दुनिया को जोड़ने का महामार्ग भारत ही है। MCD में बहुमत लाने के बाद भी केजरीवाल को डर, मेयर चुनाव में भाजपा कर सकती है उलटफेर 'जनता ने नेताजी को दी सच्ची श्रद्धांजलि..', मैनपुरी में जीत पर बोले अखिलेश यादव पीएम मोदी ने जताया गुजरात की जनता का आभार, हिमाचल में जयराम का इस्तीफा