रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चुर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है. त्रिफला व ईसबगोल की भूसी दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज दूर होती है. इसके सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है. सुबह पानी में 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण साफ़ मिट्टी के बर्तन में भिगो कर रख दें, शाम को छानकर पी लें. शाम को उसी त्रिफला चूर्ण में पानी मिलाकर रखें, इसे सुबह पी लें। इस पानी से आँखें भी धो ले. मुँह के छाले व आँखों की जलन कुछ ही समय में ठीक हो जायेंगे. शाम को एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगो दे सुबह मसल कर नितार कर इस जल से आँखों को धोने से नेत्रों की ज्योति बढती है. त्रिफला एंटिसेप्टिक की तरह से भी काम करता है. इस का काढ़ा बनाकर घाव धोने से घाव जल्दी भर जाते है. त्रिफला पाचन और भूख को बढ़ाने वाला और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने वाला है.