एक नए अध्ययन में कहा गया है कि प्रति दिन कम से कम 400 अंतरराष्ट्रीय इकाइयों की खुराक पर मौखिक विटामिन डी की खुराक लेने से बुजुर्गों में फ्रैक्चर को रोका जा सकता है। विटामिन डी के विरोधी फ्रैक्चर लाभों से कई हालिया परीक्षणों द्धारा सवाल उठाया गया है, जिससे विटामिन डी पूरक के लिए सिफारिशों के बारे में मरीजों और चिकित्सकों के बीच अनिश्चितता हो सकती है. निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के बिस्चफ-फेरारी, और सहयोगियों ने वयस्कों के 65 साल के बीच मौखिक विटामिन डी पूरक आहार के 12 पूर्व प्रकाशित नैदानिक परीक्षणों पर मेटा-विश्लेषण किया । जब इन ट्रायल्स का रिजल्ट आया तो विटामिन डी के सप्लीमेंट ने गैर रीढ़ के हड्डियों में 14 प्रतिशत और हिप फ्रैक्चर में 9 प्रतिशत के कमी पायी। इसके बाद लेखकों ने केवल नौ परीक्षणों के परिणाम जमा किए जिनमें प्रतिभागियों ने प्रति दिन 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय इकाइयों की खुराक प्राप्त की। इस खुराक पर, विटामिन डी की खुराक में गैर-कशेरुकाओं के फ्रैक्चर में 20 प्रतिशत और हिप फ्रैक्चर में 18 प्रतिशत की कमी आई। हालाँकि इस पर भी मतभेद है और पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है कि वाकई इस उम्र में विटामिन डी के खुराक से फ्रैक्चर को रोकने में मदद मिलती है. फिर भी पुरानी रिपोटों के अध्ययन से ये तथ्य साबित होता है. सब्जिया भी बना सकती है आपको बीमार क्यों भारी पड़ जाती है विटामिन की कमी शरीर में पसीने को आने से रोकते है ये आहार