कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने निकाय चुनाव में शनिवार को भारी जीत हासिल की। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल ने सभी तीन नगर निकायों-उत्तर 24 परगना जिले के बिधाननगर, बर्दवान जिले के आसनसोल व हावड़ा जिले के बाली में जीत दर्ज की। तृणमूल ने बिधाननगर नगर निगम के 41 में से 37 वार्डो में जीत दर्ज की, जबकि हावड़ा जिले में पूर्व बाली नगरपालिका में 16 वार्डो से उसने विपक्ष का सफाया कर दिया। आसनसोल नगर निगम में सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार 106 वार्डो में से कम से कम 70 वार्ड पर या तो जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं। वाम मोर्चा को 16 सीटें मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आठ वार्डो में ही जीत दर्ज कर पाई। कांग्रेस को मात्र तीन वार्ड मिले। विधाननगर में वाम मोर्चा व कांग्रेस ने दो-दो वार्ड मिले। यहां से हारने वाले दिग्गजों में दिग्गज मार्क्‍सवादी नेता व पूर्व मंत्री असीम दासगुप्ता हैं। दासगुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, "यह लोगों के जनादेश का प्रतिबिंब नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ दल द्वारा चुनाव में किए गए कदाचारों का नतीजा है।" विपक्ष ने तीन अक्टूबर को हुए मतदान में भारी हिंसा व कदाचार का आरोप लगाते हुए तीन नगर निकायों के सभी वार्डो में फिर से मतदान की मांग की थी। पश्चिम बंगाल के राज्य चुनाव आयुक्त एस.आर. उपाध्याय ने मतगणना से पहले कथित तौर पर राजनीतिक दलों के दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, राज्य सरकार ने यातायात सचिव अलापन बंदोपाध्याय को राज्य का अंतरिम निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया था, जिन्होंने नौ अक्टूबर को बिधाननगर के नौ तथा आसनसोल के दो वाडरे में पुनर्मतदान का आदेश दिया था। विपक्ष ने हालांकि पुनर्मतदान का बहिष्कार किया था। बंदोपाध्याय की नियुक्ति को चुनौती देते हुए एक याचिका भी दायर की गई थी और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि नए अंतरिम आयुक्त के तहत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लिए गए सभी फैसले रिट याचिका पर न्यायालय के अंतिम फैसले के अधीन होगा, लेकिन उसने कोई अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया। न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने पश्चिम बंगाल सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग से अवलोकन के समर्थन में 17 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा। याचिकाकर्ता अमिताव मजूमदार को 19 नवंबर तक विपक्ष में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख 23 नवंबर तय की गई है।