कोलकाता : राजनीति की बिसात पर शह और मात का खेल खेले जाने की सैद्धांतिक बातों को जब कोलकाता में व्यवहारिक रूप से अमल होते देखा तो लोग अचरज में पड़ गए.बंगाल में भाजपा और ममता के बीच टकराव की खबरें नई नहीं है.जब सीएम ममता बनर्जी ने गंगा सागर के सहारे हिंदुओं को रिझाने की कोशिश की तो इसके जवाब में भाजपा ने भी मुस्लिम भाईयों के लिए अल्प संख्यक सम्मेलन करना तय कर लिया जो आज मो. अली पार्क में हो रहा है. उल्लेखनीय है कि भाजपा का लक्ष्य पूरे भारत में कमल खिलाना है. इसी कड़ी में वो बंगाल में भी सक्रिय है .मई में संभावित पंचायत चुनाव को देखते हुए भाजपा ने यह सम्मेलन आयोजित किया है , क्योंकि बंगाल में करीब 30 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जिन्हे सत्तासीन सरकार यानी कि ममता के साथ बताया जाता है, लेकिन जब ममता बनर्जी ने हिंदु्त्व कार्ड खेला तो भाजपा भी मुसलमानों को रिझाने में जुट गई है.हालाँकि भाजपा इससे पहले नवंबर में भी मुस्लिम सम्मेलन कर चुकी है. बता दें कि इस अल्पसंख्यक सम्मेलन को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्‍दुल राशिद अंसारी,पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्‍ठ नेता मुकुल राय संबोधित करेंगे. हिंदुत्व के रथ पर सवार होने वाली भाजपा को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा , क्योंकि वह जानती है कि बिना मुस्लिम वोट के सहारे वो बंगाल में जीत हासिल नहीं कर सकती. जबकि, उधर पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और टीएमसी नेता सदन पांडे ने कहा कि मुसलमान कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री खुद आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. उनका एकमात्र एजेंडा देश को धार्मिक और जाति रेखा पर बाँटना है. यह भी देखें कोलकाता के हवाई अड्डे पर 2.28 लाख यूरो के साथ दो यात्री गिरफ्तार बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में शामिल होंगी चीन की 30 कंपनियां