सबसे पहले तो आप जानें नैनो टेक्नोलॉजी क्या है? नैनो का अर्थ है ऐसे पदार्थ से है जो अति सूक्ष्म आकार वाले तत्वों से मिलकर बने होते हैं. नैनो टेक्नोलॉजी अणुओं और परमाणुओं की इंजीनियरिंग है, जो फिजिक्‍स, केमेस्‍ट्री , बायो इन्फॉर्मेटिक्स और बायो टेक्नोलॉजी जैसे विषयों को आपस में जोड़ती है. साथ ही साथ हम आपको बता दें की नैनो विज्ञान अति सूक्ष्म मशीनें बनाने का विज्ञान है. ऐसी मशीनें जो इंसान के शरीर में जाकर, उसकी धमनियों में चल-फिर कर वहीं रोग का ऑपरेशन कर सकें.और मानव के सम्पूर्ण शरीर की जांच पड़ताल कर रिपोर्ट दे. योग्यता- नैनो टेक्नोलॉजी में पीजी करने के लिए साइंस में 50 फीसदी नंबरों के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है. एम.टेक. करने के लिए बायोटेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्प्यूटर साइंस, मैटीरियल साइंस, मकेनिकल, बायो मेडिकल, केमिकल में से किसी भी विषय में बी.टेक. की डिग्री जरूरी है. कुछ संस्थानों में नैनोटेक्नोलॉजी में बी.टेक. की डिग्री भी शुरू की जा चुकी है. किन-किन क्षेत्रों में हैं अवसर- यह तकनीक मेडिकल साइंस, पर्यावरण विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स , कॉस्मेटिक्स, सिक्योरिटी, फैब्रिक्स और विविध क्षेत्रों में उपयोगी है. फार्मा, मेडिकल, कृषि, डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य एवं पेय पदार्थ की कंपनियों में, सरकार एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे शोध एवं विकास के प्रोजेक्ट में, शिक्षा और शोध में, बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में और प्रोडक्ट डेवलपमेंट में यह उपयोगी है. ये है प्रमुख कोर्स- बी.टेक. इन नैनो टेक्नोलॉजी एम.टेक. इन नैनो टेक्नोलॉजी पीजी इन नैनो टेक्नोलॉजी कोर्स करने के लिए बेहतर संस्‍थान- जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरू पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली आईआईटी-रुड़की, मुंबई, गुवाहाटी , कानपुर हॉर्टिकल्चर है करियर बनाने का बेहतर ऑप्शन एनिमेशन फिल्‍म मेकिंग में बनाएं आप भी अपना करियर