कम खर्च के साथ बेहतर पढाई ,यह सुविधा नीदरलैंड ने लायी

अक्सर यह होता हैं की पैसों की वजह से बहुत से लोग उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि आजकल आपने देखा ही होगा की पढाई कितनी महगी हो गई हैं लोग अपने बच्चों को बड़ी मेहनत के बाद कमाए गए पैसे से पढ़ा पाते हैं आज के दौर पर शिक्षा भी एक व्यापार सा होता जा रहा हैं ऐसा क्यों ?पढाई से सम्बंधित तमाम समस्याएँ सामने आती हैं. 

 नीदरलैंड तो यूरोपियन यूनियन का एक प्रमुख देश है जिसके इर्द-गिर्द यूरोप की अर्थ व्यवस्था भी घूमती है. पूरब में जर्मनी और दक्षिण में बेल्जियम से सीमा साझा करने वाला यह देश दुनिया भर के छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. 

 इस बार हम आपको रू-ब-रू करा रहे हैं नीदरलैंड के स्टडी कल्चर से कि आखिर ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जो पूरी दुनिया से छात्रों को इसकी ओर खिचती हैं -

यहां की यूनिवर्सिटीज को राज्य करते भुगतान .. वैसे तो यह चलन भारत में भी प्रचलित है लेकिन इधर बीच प्राइवेट यूनिवर्सिटी की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. जाहिर है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी आपसे मोटी रकम भी वसूलते हैं. तो वहीं नीदरलैंड में यूनिवर्सिटी रिसर्च यूनिवर्सिटी और अप्लाइड साइंसेस यूनिवर्सिटी में बांटे गए हैं. यहां कुल 14 रिसर्च तो वहीं 41 अप्लाइड साइंसेस की यूनिवर्सिटीज हैं. यहां रिसर्च को खास वरीयता दी जाती है. 

नीदरलैंड सुरक्षा के लिहाज से बेहतरीन है.. नीदरलैंड को यूरोप के सबसे सुरक्षित देशों में शुमार किया जाता है. यहां का न्यूनतम क्राइम रेट इस बात की गवाही देता है. अगर आप शहर में नए हैं तो अपने देश के दूतावास का फोन नंबर और पहचान पत्र जरूर लेकर चलें.

यहां का उम्दा मौसम.. यहां का मौसम साल भर कुछ ऐसा रहता है कि आप वहीं रह जाना चाहेंगे. न धूल-धक्कड़ और न लू के थपेड़े. आप 10 घंटे तक लगातार काम करने के बावजूद भी खुद को थका नहीं महसूस करेंगे. ठंड में यहां का औसत तापमान 2 से 6 डिग्री सेल्सियस और गर्मी में 17 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है.

यहां का लाइफस्टाइल.. नीदरलैंड के लोग बेहद दोस्ताना होते हैं जिन्हें बीयर और फुटबॉल पसंद है. भारत से वहां जाने वाले छात्र शुरुआत में कई नई चीजों से रूबरू होते हैं, मगर धीरे-धीरे वे इन चीजों के आदी हो जाते हैं. यहां लेस्बियन और गे लोगों को हिकारत की नजर से नहीं देखा जाता. वर्तमान परिदृश्य में देखें तो नीदरलैंड में कुल 1,23,000 भारतीय रहते हैं. ये सारे प्रवासी हेग, एम्सटर्डम, रॉटेरडम और अलमियर जैसे शहरों में मुख्य तौर पर रहते हैं. 

यहां दाखिले के लिए कौन-कौन सी परीक्षा देनी होती हैं.. यहां पहुंचने के लिए आपको (IELTS) इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम और (TOEFL) टेस्ट ऑफ इंग्लिश ऐज अ फॉरेन लैंग्वेज यहां के कॉलेजों और संस्थानों में दाखिले के लिए बेसिक जरूरत है. 

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