ई-चालान घोटाले से सावधान: साइबर फ्रॉड के झांसे में न आएं

क्या आप वाहन के मालिक हैं? सावधान रहें, क्योंकि धोखेबाज़ लोग बेख़बर लोगों को नकली ई-चालान के ज़रिए निशाना बना रहे हैं। ई-चालान घोटाला एक साइबर हमला है, जो पहले ही हज़ारों लोगों को ठग चुका है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें वित्तीय नुकसान हुआ है। इस लेख में, हम बताएंगे कि धोखेबाज़ कैसे काम करते हैं और इस घोटाले का शिकार होने से बचने के लिए सुझाव देंगे।

ई-चालान घोटाला क्या है?

ई-चालान घोटाला एक साइबर हमला है जो वाहन मालिकों को निशाना बनाता है, उन्हें फर्जी संदेश भेजता है जिसमें दावा किया जाता है कि उन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें जुर्माना भरना होगा। घोटालेबाज पीड़ितों से कार्ड विवरण, लॉगिन क्रेडेंशियल और आधार कार्ड विवरण सहित व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाते हैं।

घोटालेबाज कैसे काम करते हैं?

स्कैमर्स फर्जी वेबसाइट के लिंक के साथ फर्जी संदेश भेजते हैं जो आधिकारिक ट्रैफ़िक प्राधिकरण वेबसाइट से मिलते जुलते हैं। इन वेबसाइटों को अनजान पीड़ितों से संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कुछ मामलों में, स्कैमर्स संदेश में फर्जी भुगतान लिंक भी संलग्न कर सकते हैं, जिस पर क्लिक करने पर वित्तीय नुकसान हो सकता है।

ई-चालान घोटाले का शिकार होने से कैसे बचें?

इस घोटाले का शिकार होने से बचने के लिए इन सरल सुझावों का पालन करें:

- कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाले लिंक पर क्लिक न करें या संदिग्ध संदेशों से अटैचमेंट डाउनलोड न करें। - आधिकारिक सरकारी वेबसाइट (.gov) पर अपने वाहन का विवरण जाँच कर संदेश की प्रामाणिकता सत्यापित करें। - कभी भी असत्यापित वेबसाइटों या मोबाइल ऐप पर वित्तीय जानकारी या आधार विवरण न दें। - यदि आपने वास्तव में यातायात नियमों का उल्लंघन किया है, तो केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट (.gov) के माध्यम से ही भुगतान करें।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

याद रखें, पछताने से बेहतर है कि पहले से ही सावधान रहें। ट्रैफ़िक अधिकारियों से होने का दावा करने वाले संदेश प्राप्त करते समय सावधान रहें और ऐसे संदेशों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने में कभी संकोच न करें। सतर्क रहने से आप ई-चालान घोटाले का शिकार होने से बच सकते हैं और अपनी संवेदनशील जानकारी को साइबर धोखेबाजों से बचा सकते हैं।

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