देश के प्रसिद्ध संत भय्यू जी महाराज ने इंदौर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. उनकी मौत की खबर शर के साथ -साथ पूरे जंगल में आग की तरह फैली. जिसने भी सुना उसे सहसा विश्वास नहीं हुआ कि मॉडलिंग से अपना जीवन आरम्भ कर राष्ट्रीय संत बनने वाला यह शख्स यह कदम भी उठा सकता है . जानते उनके अब तक के जीवन के बारे में - आपको बता दें कि भय्यूजी का असली नाम उदय सिंह है लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लोग उन्हें भय्यूजी महाराज के नाम से ही जानते हैं. उनके कई समर्थक हैं.29 अप्रैल 1968 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में उनका जन्म हुआ था , लेकिन महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा मिला हुआ था. राजनीतिक क्षेत्र में उनका खासा प्रभाव रखने वाले भैय्यू जी के कांग्रेस के अलावा नितिन गडकरी से लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी अच्छे संबंध रहे .उन्हें राजनीतिक संकट मोचक माना जाता था. अन्ना आंदोलन के समय भी उन्होंने आंदोलन समाप्त करने में भूमिका निभाई थी. वे ऐसे गृहस्थ संत थे जिन्होंने दो शादियां की थी . अभी कुछ दिनों पहले ही एमपी सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया था , जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था.भय्यूजी महाराज पद, पुरस्कार, शिष्य और मठ के विरोधी थे . वे देश को सबसे बड़ा मठ मानते थे . व्यक्तिपूजा को वह अपराध की श्रेणी में रखते थे .उन्होंने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज सेवा के बडे़ काम किए . कहा जा रहा है कि उनकी इस ख़ुदकुशी के पीछे पारिवारिक कारण बताए जा रहे हैं. मौत के कारणों की स्थिति बाद में स्पष्ट होगी. यह भी देखें इस वजह से भय्यू महाराज ने मारी खुद को गोली इंदौर: बड़ी खबर, संत भय्यू महाराज ने की खुदखुशी