जब किसी भी माह की सप्तमी तिथि रविवार के दिन आती है, तो उस दिन को भानु सप्तमी (Bhanu Saptami) माना जाता है। जी हाँ और सप्तमी तिथि के स्वामी या अधिपति देव स्वयं भगवान सूर्य हैं। आप सभी को बता दें कि इस बार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 22 मई दिन रविवार को है, इस वजह से भानु सप्तमी व्रत इस दिन रखा जाएगा। जी दरअसल ज्येष्ठ माह में सूर्य देव की उपासना और रविवार व्रत रखने का महत्व है। कहा जाता है इस माह में सूर्य देव के भानु स्वरूप की पूजा करते हैं। आप सभी को बता दें कि भानु सप्तमी का व्रत रखने और सूर्य देव की पूजा करने से दुख, रोग, पाप आदि नष्ट हो जाते हैं। इसी के साथ सूर्य देव की कृपा से धन, धान्य, वंश और सुख में वृद्धि होती है। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन सूर्य को जल देने से बुद्धि विवेक बढ़ता है और दान करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि भानु सप्तमी के पुण्य प्रभाव से पिता के साथ रिश्ता मजबूत होता है। अब हम आपको बताते हैं भानु सप्तमी की तिथि, पूजा मुहूर्त। भानु सप्तमी 2022 तिथि- पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ 21 मई दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है। जी हाँ और इस तिथि का समापन अगले दिन 22 मई रविवार को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर होगा। इसके चलते भानु सप्तमी व्रत 22 मई को रखा जाएगा। भानु सप्तमी 2022 पूजा मुहूर्त- भानु सप्तमी व्रत के दिन इंद्र योग सुबह से लेकर अगले दिन प्रात: 03:00 बजे तक है और धनिष्ठा नक्षत्र रात 10:47 बजे तक है। वहीं द्विपुष्कर योग प्रात: 05:27 बजे से लेकर दोपहर 12:59 बजे तक है। इंद्र योग, द्विपुष्कर योग और धनिष्ठा नक्षत्र शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। इस दिन राहुकाल शाम 05:26 बजे से शाम 07:09 बजे तक है। जी हाँ और इसके चलते आप 22 मई को प्रात: स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव के भानु स्वरूप की पूजा करें। वैसे अगर आप चाहें तो इस दिन भानु सप्तमी व्रत भी रख सकते हैं। थूक लगाकर गिनते हैं नोट तो आपके लिए है बुरी खबर शुक्रवार को करें इन मन्त्रों का जाप, होगी माँ लक्ष्मी की कृपा इन 4 राशिवालों के लिए बहुत बुरा होगा मंगल ग्रह का परिवर्तन