मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने 'शिवसेना' और पार्टी का चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' मिलने के बाद मंगलवार (21 फ़रवरी) को पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई। खास बात है कि इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को भारत रत्न प्रदान करने सहित कई प्रस्ताव रखे गए। बता दें कि, अभी भारत चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। मंगलवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का नेतृत्व सीएम शिंदे ने किया। वीर सावरकर को भारत रत्न देने के साथ ही इस मीटिंग में चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिंतामनराव देशमुख के नाम पर रखने का प्रस्ताव पेश किया गया है। खास बात है कि शिंदे समूह ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें शिवसेना भवन या उद्धव ठाकरे के गुट से संबंधित कोई भी संपत्ति नहीं चाहिए। मीटिंग के दौरान पेश किए गए प्रस्तावों में भूमिपुत्रों को 80 फीसदी रोजगार, सभी प्रोजेक्ट्स में स्थानीय युवाओं को 80 फीसद रोजगार, मराठी को अभिजात वर्ग की भाषा का दर्जा, UPSC और MPSC के मराठी विद्यार्थियों को सहयोग जैसी बातें भी शामिल रहीं। शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले इस गुट ने मीडिया से उसे 'शिंदे गुट' कहने की जगह 'शिवसेना' कहने की अपील की है। बता दें कि, पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट के साथ जारी विवाद के सिलसिले में शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता दी थी और उसे पार्टी का चुनाव निशाना 'तीर-धनुष' आवंटित कर दिया था। ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है और आज इस पर सुनवाई होनी है। 'चाहे संविधान बदल जाए लेकिन हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा भारत', आखिर किस पर भड़के शंकराचार्य? 'विरोधी पार्टियों में कई PM पद के उम्मीदवार है', उपेंद्र कुशवाहा का CM नीतीश पर हमला मार्च में बिहार के CM बन जाएंगे तेजस्वी यादव, नितीश खुद सौंपेंगे कुर्सी - RJD विधायक का दावा