भरतपुर: राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग का क्या हाल है, इसकी बानगी उस वक़्त देखने को मिली, जब भरतपुर के जनाना अस्पताल में डिलीवरी कराने पहुंची प्रसूता को डॉक्टरों ने अस्पताल में भीतर नहीं घुसने दिया. इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने उससे यहाँ तक कह दिया कि तुम मुस्लिम हो, इसलिए जयुपर जाओ और उसे बाहर से ही जयुपर के लिए रेफर कर दिया. वहीं, जयुपर जाने के दौरान रास्ते में ही महिला की डिलीवरी हो गई और उसके नवजात की भी मौत हो गई. इस बात को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल और डॉक्टरों की यह लापरवाही बेहद शर्मनाक है. प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष राज है. साथ ही सरकार भी संवेदनशील है, इसलिए चिकित्सा राज्य मंत्री को इस मामले को संज्ञान में लेकर एक्शन लेना चाहिए. नगर थाना इलाके के गांव निवासी पीड़ित महिला के पति इरफान खान ने कहा है कि प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसे सीकरी अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां से उसे जनाना अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन यहां चिकित्सकों ने कह दिया कि आप मुस्लिम हो, इसलिए उपचार यहा नहीं बल्कि जयुपर में होगा और हमको जयपुर भेज दिया. रास्ते में ही पत्नी की डिलीवरी हो गई और बच्चे की मौत हो गई. मेरे और मेरी पत्नी के साथ अन्याय हुआ है और आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. CNG और PNG के दामों में बड़ी गिरावट, यहाँ जानिए नई कीमतें कोरोना को लेकर पीएम मोदी इन दिग्गज प्रधानमंत्रियों और राष्‍ट्रपतियों से लेंगे सलाह कोरोना को नर्स ने दी मात, जल्द ड्यूटी पर करेंगी वापसी