नई दिल्ली. देश में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है. यह बढ़त भी पिछले कुछ सालों के मुकाबले अब बहुत तेज हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद देश की कई टेलिकॉम कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. मोदी सरकार जल्द लागू कर सकती है डिजिटल करंसी, युद्धस्तर पर चल रही हैं तैयारियां टेलिकॉम कंपनियों को हो रहे इस घाटे की मुख्य वजह है रिलायंस का नया वेंचर जिओ. तक़रीबन दो साल पहले फ्री डेटा और फ्री कालिंग के साथ लांच हुए इस नेटवर्क ने देश में इतने जल्दी इतनी तेज लोकप्रियता हासिल की कि यह देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला मोबाइल नेटवर्क बन गया. लेकिन जिओ की इस रफ़्तार का घाटा देश की कई अन्य टेलिकॉम कंपनियों को भुगतना पड़ रहा है. जिओ से निपटने के लिए देश की दो बड़ी बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया पहले ही आपस में विलय कर चुकी है और अब इस एक दिग्गज टेलिकॉम कपनी एयरटेल भी इस पार्टनरशिप में शामिल हो सकती है. सराफा बाजार: लगातार तीसरे दिन बढ़े सोने के दाम, जानिये आज की कीमते टेलिकॉम इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के इस विलय से ग्राहकों भी फायदा मिलगा क्योंकि अब इन तीनो कम्पनी के हर टावर से इन तीनो नेटवर्क के सिग्नल मिलेंगे. इस वजह से अब देश के अधिकतर इलाकों में इन कपमानियों का नेटवर्क अवेलेबल रहेगा. इसके साथ ही इनके प्लान्स के दामों में कटौती की जा सकती है. ख़बरें और भी सुर्खियां: ये हैं देश और दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ख़बरें एटीएम कार्ड संभालने की झंझट खत्म, जल्द ही इसके बिना भी निकाल सकेंगे कैश शेयर बाजार : लगातार तीसरे दिन बाजार में दिखी बड़ी गिरावट, जानिये आज के महत्वपूर्णं आकड़ें