क्या विदेशी कंपनी बन जाएगी भारती एयरटेल ? सरकार से मांगी ये इजाजत

नई दिल्ली: ऐसा लग रहा है कि जल्द ही टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी भारती एयरटेल, विदेशी बन जाएगी. इसके प्रमोटर भारती टेलीकॉम ने सिंगापुर के सिंगटेल और कई दूसरी विदेशी कंपनियों से आने वाले 4,900 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सरकार से अनुमति मांगी है. यदि इस निवेश की स्वीकृति मिली तो देश की सबसे बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर विदेशी कंपनी बन सकती है.

उल्लेखनीय है कि जियो से मुकाबले और समायोजित सकल राजस्व (AGR) जैसे मुद्दों के कारण भारती एयरटेल सहित कई टेलीकॉम कंपनियों को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. एयरटेल को केवल एजीआर के मद में सरकार को 43,000 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान करना है. अभी भारती एयरटेल में इसके प्रमोटर सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की लगभग 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार एफडीआई आने के बाद कंपनी में विदेशी हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक हो सकता है. 

यानी उस पर विदेशी निवेशकों का प्रभुत्व हो जाएगा और नियम के अनुसार कंपनी को विदेशी मान लिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, 'भारती टेलीकॉम ने कंपनी में सिंगटेल और कई अन्य विदेशी निवेशकों से प्राप्त हो रहे 4,900 करोड़ रुपये के निवेश की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है. इसके साथ ही भारती टेलीकॉम एक विदेशी कंपनी बन जाएगी, क्योंकि हिस्सेदारी में अधिक भाग विदेशी निवेशकों का हो जाएगा. टेलीकॉम विभाग से इस महीने इसकी स्वीकृति मिल सकती है.' 

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