कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में शानदार कामयाबी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यहां जनाधार बढ़ाने के लिए नई कवायद में जुटी है। भाजपा दुर्गा पूजा समितियों में पैठ बनाकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बंगाली छवि का काउंटर करने की तैयारी में लग गई है। पूरे देश में दुर्गा पूजा के लिए पश्चिम बंगाल विख्यात है। प्रदेश में सभी कमेटियों के माध्यम से इसका आयोजन होता है। भाजपा के नेता दुर्गा पूजा समितियों से संपर्क कर इसका हिस्सा बनने में लगे हुए हैं। भाजपा की तरफ से कमेटियों का प्रायोजक बनने के साथ राष्ट्रीय नेताओं से उद्घाटन कराने के लिए भी उत्सुकता दर्शाई जा रही है। दरअसल, भाजपा का प्रयास है कि टीएमसी की बंगाल अस्मिता से संबंधित उस छवि को कमजोर किया जाए, जिसके दम पर वह चुनावों में जीत अर्जित करती है। टीएमसी की तुलना में भाजपा खुद को बंगाल की अस्मिता से कहीं अधिक नजदीक साबित करने के प्रयास में है। दुर्गा पूजा का आयोजन 4 अक्टूबर से होगा। फिलहाल आयोजन समितियों के गठन का सिलसिला चल रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वामपंथी नेता इन आयोजन समितियों से नहीं जुड़ते। टीएमसी के नेताओं का 2011 से पहले से दुर्गा पूजा समितियों में शामिल होने का दौर शुरू हुआ था। 2011 में सत्ता प्राप्ति के बाद बाद इन समितियों में टीएमसी नेताओं का बहुमत हो गया, जिसके बाद टीएमसी नेता इसमें प्रभारी बन कर बैठ गए। जिसके बाद खुद सूबे की सीएम ममता बनर्जी इन आयोजनों का उद्घाटन करती रही हैं, अब भाजपा ममता की वही छवि तोड़ने में लगी हुई है। एक विज्ञापन को लेकर जबरदस्त ट्रोल हुए कमलनाथ, शिवराज बोले- तीसरा हाथ किसका है आज पीएम मोदी लेंगे कैबिनेट की बैठक, NIA बनेगा और भी अधिक ताक़तवर बॉम्बे नगरपालिका ने सीएम फडणवीस के घर को घोषित किया डिफाल्टर, ये है पूरा मामला